वर्धा. लंबी प्रतीक्षा के बाद आखिरकार आज स्कूलों की पहली घंटी बजेगी़ इसमें ग्रामीण विभाग की कक्षा 5 से 12वीं तथा शहरी क्षेत्र में कक्षा 8 से 12वीं तक स्कूलों का समावेश है़ इस दौरान कोरोना संबंधित सभी गाइडलाइंस का पालन कर विद्यार्थियों का प्रवेशोत्सव मनाया जाने वाला है.
सुरक्षा के दृष्टिकोण से बैठक व्यवस्था व अन्य सभी निर्देश दिए गए है़ पिछले वर्ष कोरोना ने दस्तक देने के बाद स्कूलें पूर्णत: बंद रखी गई है. तबसे विद्यार्थियों की आनलाइन पढ़ाई ही शुरू है़ किंतु, इसमें नेटवर्क के साथ ही अनेक समस्या निर्माण हो गई थी़ ग्रामीण विभाग के छात्र पढ़ाई से सर्वाधिक वंचित थे़ निरंतर मोबाइल के उपयोग से विद्यार्थियों की मानसिकता पर बुरा असर पड़ने का खतरा चिकित्सकों द्वारा व्यक्त किया जा रहा था़ इससे स्कूलें शुरू करने की मांग जोर पकड़ रही थी़ आखिरकार स्कूलें शुरू होने से राहत महसूस की जा रही है.
शिक्षकों का वैक्सीनेशन हुआ पूर्ण
फिलहाल भले ही कोरोना का पाजिटिविटी रेट कम हुआ है, लेकिन संकट पूर्णत: टला नहीं है, जिससे स्कूलों में कार्यरत शिक्षक व अन्य कर्मचारियों का वैक्सीन पूर्ण करने की सूचना दी गई थी़ जिले में प्राथमिक स्कूलों के 1992 शिक्षकों के दोनों टीके पूर्ण हुए है़ जबकि माध्यमिक व उच्च माध्यमिक में कार्यरत 2286 कर्मचारियों का टीकाकरण पूर्ण हुआ है़ प्राथमिक के 97 तथा माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के 166 शिक्षक व अन्य कर्मचारी टीके से वंचित है़ उन्हें जल्द से जल्द टीकाकरण करने की सूचना दी गई है.
सोशल डिस्टेसिंग का होगा पालन
कक्षा में विद्यार्थियों की बैठक व्यवस्था सोशल डिस्टेसिंग के तहत करने की सूचना दी गई है़ इससे अतिरिक्त विद्यार्थियों को दूसरी कक्षा में बिठाया जाएगा़ इस दौरान पढ़ाई पर असर नहीं पड़े, इस दिशा से निर्देश संबंधित स्कूल प्रशासन को शिक्षा विभाग ने जारी किए है.
अब शिक्षकों की बढ़ेगी जिम्मेदारी
लंबे अंतराल बाद स्कूल शुरू होने से प्रत्यक्ष अध्यापन प्रक्रिया नहीं हुई़ परिणामवश विद्यार्थी पढ़ाई से दूर जाने की संभावना है़ साथ ही सोशल डिस्टेसिंग के तहत बैठक व्यवस्था के कारण अतिरिक्त कक्षा तैयार होने से शिक्षकों को दो बार पढ़ाना पड़ेगा़ शत प्रतिशत उपस्थिति के कारण शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ गई है.