Niradhar

    Loading

    आष्टी शहीद (सं). निराश्रित लाभार्थियों को सरकार से जो अनुदान मिलता है, उसी के भरोसे वे अपना जीवनयापन करते है. उनके पास उदरनिर्वाह का कोई भी अन्य स्त्रोत नहीं है. परंतु इसके बावजूद भी अनेक लाभार्थियों को अनुदान वितरित नहीं किया गया है. ऐसे ही निराधार वृद्ध अनुदान की प्रतीक्षा में है. परंतु अनुदान न मिलने से भूखे रहने की नौबत आन पड़ी है. संजय गांधी निराधार व श्रावण बाल योजना के अंतर्गत वृद्ध, विधवा, तलाकशुदा, अनेक दुर्लभ बीमारी से ग्रस्त लाभार्थियों का अनुदान कुछ माह से उनके बैंक खाते में जमा नहीं हुआ है.

    प्रति माह 1,000 रु. दी जाती है मदद

    निराधारों के बैंक खाते में अनुदान जमा नहीं होने से उन्हें अनुदान के लिए उन्हे बार-बार बैंक के चक्कर लगाने पड़ रहे है. वृद्ध महिला, पुरुष, गरीब अनुदान की प्रतीक्षा कर रहे हैं. योजना के अंतर्गत केन्द्र व राज्य शासन की ओर से प्रति माह 600 रुपए आर्थिक सहायता दी जाती थी. अब उसमें वृद्धि करके 1000 रुपए दिये जाते है. इससें प्रतिमाह लाभार्थियों के बैंक खाते में 1000 रुपए जमा होते है. परंतु अनेक दिनों से अनुदान ही जमा न होने से निराधारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 

    बैंक से खाली हाथ लौट रहे निराधार

    साहुर परिसर में कुल 17 गांव है. इस परिसर में एक ही बैंक आंफ इंडिया की शाखाएं है. इसके चलते आसपास के गांवों के वृद्ध, निराधार अनुदान की स्थिति पता लगाने तेज धूप में बैंक के चक्कर लगा रहे है. परंतु बैंक खाते में पैसे न देखकर खाली हाथ वापस जाना पड़ रहा है.

    अनाज और औषधि के बगैर जीना मुश्किल 

    खाते में अनुदान की राशि जमा न होने से उदरनिर्वाह कैसे करे. अन्न व औषधि के बगैर तड़पते हुए मरे क्या, यह प्रतिक्रिया वृद्ध व त्रस्त निराधार दे रहे है. शासन से इस ओर गंभीरतापूर्वक ध्यान देकर तुरंत अनुदान जमा करने की आवश्यकता है.