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    • विधायक डा.मिर्जा के अल्पसंख्यांक प्रदेशाध्यक्ष बनते ही उमडी नाराजी

    यवतमाल. कांग्रेस का देश राज्य और यवतमाल जिले का गढ ढह चुका है, तो दुसरी ओर पार्टी एक व्यक्ती एक पद और एक परिवार एक टिकट का राग अलाप रही है,लेकिन वास्तविक तौर पर वरिष्ठ स्तर पर ही एक व्यक्ती को अनेक पद देकर पार्टी में ही अंतर्गत कलह को रास्ता दिया जा रहा है.इसका जीवंत उदाहरण यवतमाल जिले के कांग्रेस नेता विधानपरिषद सदस्य, महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डा.वजाहत मिर्जा के रुप में सामने आया है.

    23 मई को जारी जानकारी में राष्ट्रीय कार्यकारीणी द्वारा जारी पत्र में यवतमाल जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष विधायक मिर्जा को प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यांक की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.जिससे वें अब पार्टीगत और संवैधानिक तौर पर कुल 6 पद पर आसिन हो चुके है.इसी बीच प्रदेश अल्पसंख्यांक सेल के प्रदेशाध्यक्ष पद पर नियुक्ती के साथ ही कांग्रेस पदाधिकारी कार्यकर्ताओं में कांग्रेस आलाकमान और प्रदेश कार्यकारिणी के कामकाज को लेकर भी नाराजी उमडती दिख रही है.

    बता दें की उपरोक्त पदों के साथ ही विधायक डा.मिर्जा जिला अभ्यागत समिती के अध्यक्ष भी है.साथ ही उनके पास राज्य में अल्पसंख्यांक समाज के लिए स्वतंत्र निती बनाने के लिए नियुक्त अभ्याससमुह का भी उनके पास पद है.इस तरह उन्हे पार्टी ने कुल 6 पदों पर आसिन किया है. लेकिन हाल ही में राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस के नवसंकल्प चिंतन शिविर में कांग्रेस आलाकमान और वरिष्ठ नेता एक पार्टी एक पद और परिवार में एक टिकट की अपनी बात को भुलाकर युवा नेताओं, कार्यकर्ताओं को गलत संदेश दिया गया है,आलाकमान द्वारा इस तरह की घोषणा के बाद एैसे निर्णय लेकर संगठन के लिए हमेशा जुटे रहनेवाले प्रदेश,जिलास्तर के नेताओं,कार्यकर्ता, पदाधिकारीयों के साथ एक तरह से खिलवाड किया जा रहा है, एैसी चर्चा आज दिनभर जिला कांग्रेस में जारी रही.

    बता दें की विधायक मिर्जा के पास विधायकी समेत कुल 6 पद हो चुके है,अब उन्हे अल्पसंख्यांक सेल के प्रदेशाध्यक्ष बनाने के साथ ही कांग्रेस पार्टी में अन्य तबकों के कांग्रेस नेता,पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं समेत कांग्रेस के मुस्लीम नेताओं और कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर अंतर्गत मतभेद और नाराजी के सुर उमट रहे है.

    साथ ही बतौर जिलाध्यक्ष के रुप में वें जिले में कांग्रेस के लिए कारगर साबित न होने, वक्फ बोर्ड और विधायकी के कारण व्यस्त होने से जिले में पार्टी को नुकसान होने की चर्चाएं काफी दिनों से चल रही है, अब उनके नए पद पर आसिन होने के बाद हालांकी इस बारे में पार्टीगत कारवाई को ध्यान में लेकर ऑन रिकॉर्ड बात करने में सभी कन्नी काटते रहे है.जिससे कोई भी उनके नियुक्ती पर ऑनरिकॉर्ड नाराजी बताने की बजाच आपसी चर्चा में ही इसपर बात करते दिखे.

    गांधी भवन में एकजुट हुए नाराज पदाधिकारी और कांग्रेस नेता

    आज 23 मई को जिलाध्यक्ष विधायक डा.वजाहत मिर्जा के 6 वें पद पर नियुक्ती की जानकारी सार्वजनिक होते ही यवतमाल जिला कांग्रेस के पदाधिकारी, नेताओं और कार्यकर्ताओं में एक ओर आश्चर्य तो दुसरी ओर नाराजी भी जतायी जा रही थी.यवतमाल शहर में गांधी भवन में कुछ नाराज कांग्रेस पदाधिकारी, और निवर्तमान नगरसेवकों की इस मुददे पर गुप्त बैठक भी ली गयी, जिसमें जिलाध्यक्ष डा.मिर्जा के अल्पसंख्यांक प्रदेश अध्यक्ष पद पर नियुक्ती समेत इस तरह एक ही व्यक्ती को 6 पद पर आसिन करने को लेकर नाराजी भी जतायी गयी.प्राप्त जानकारी के मुताबिक इनमें वें नाराज नगरसेवक भी शामिल थे,जिन्होने कुछ समय पुर्व ही विधायक मिर्जा से उनके विधायक फंड से अपने प्रभागों के विकास के लिए फंड की मांग करने पर इंकार कर दिया गया था.लेकिन स्थानिय कांग्रेस नेताओं की चापलुसी और ठेकेदारी करने में माहीर तथाकथित पदाधिकारी को उसके जनप्रतिनिधी न होने के बावजुद उसके निवासी ईलाके में पेवर ब्लॉक का काम करने विधायक मिर्जा ने उसे 6 लाख रुपयों का फंड उपलब्ध करवाया, इस बात को लेकर भी गांधी भवन में पदाधिकारी, नगरसेवकों की बैठक में खुली नाराजी दिखी, जिससे आगामी दिनों में यवतमाल शहर में विधायक डा.मिर्जा के खिलाफ नेता लामबंद होने के संकेत राजनितीक स्तर पर दिए जा रहे है.

    बॉक्स

    बताया जाता है की इस समय अल्पसंख्यांक वर्ग के कांग्रेस के अनेक जनप्रतिनिधीयों और नगरसेवकों समेत अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं में भी इस नियुक्ती पर नाराजी जतायी जा रही है.साथ ही यह मुददा भी उठ रहा है की यदी उनकी बजाय पार्टी राज्य और जिले में किसी अन्य अल्पसंख्यांक चेहरे को इस सेल का नेतृत्व देती तो फायदेमंद होता.क्योंकी वें जिले में कांग्रेस के संगठन से लेकर जनप्रतिनिधीत्व के काम में सकारात्मक योगदान नही दे पाए है.एैसे में स्थानिय स्वराज संस्थाओं के चुनावों के दौरान हुए इस निर्णय के बाद पार्टी के अल्पसंख्यांक नेता,कार्यकर्ताओं में उठी नाराजी से कहीं कांग्रेस को जिले में नुकसान न उठाना पडें, एैसी भी चर्चाएं जारी थी.

    जिलाध्यक्ष और अन्य पदों से ईस्तीफा न देने पर नियुक्ती रदद करने भेजेंगे प्रस्ताव

    इसी बीच विधायक मिर्जा के उपरोक्त पद पर नियुक्ती को लेकर मुंबई में भी नाराजी दिखाई दी, प्रदेश कमीटी की बैठक में प्रभारी एच.केपाटील ने इसे लेकर अपनी खुली नाराजी जताकर उनकी नियुक्ती को अनुचित फैसला बताया, साथ ही विधायक मिर्जा ने खुद होकर ईस्तीफा न देने पर उनकी नियुक्ती रदद करने पार्टी आलाकमान को प्रस्ताव भेजेंगे, एैसी जानकारी दी.

    जिससे प्रदेश स्तर पर भी इस नियुक्ती को लेकर नाराजी उमडती दिखाई दी. इसी बीच प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले द्वारा आज विधायक मिर्जा से यवतमाल कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद से ईस्तीफा देने के निर्देश दिए गए है, एैसी जानकारी भी देर शाम सामने आयी. हालांकी इस बारे में स्थानिय कांग्रेस नेताओं ने बात करने से मना कर दिया.