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    पुसद.  इस वर्षे ईसापूर बांध 100 प्र. श. जलसंचय हुआ है. इस बाध के 7 गेट को खोलेकर पैनगंगा नदी में पानी का विसर्ग किया गया है.   जिसके चलते नदी से सटे खेतों को अब तालाब का रूप आया है. नुकसाग्रस्त खेतों के तत्काल रूप से पंचनामा कर मुआवजा देने की मांग को लेकर  किसान संघर्ष समिती की ओर से ज्ञापन सौपा है. 

    इसापूर बांध के पाणलोट क्षेत्र में पिछले चार दिनों से लगतार बारिश की वजह से छोटे ओर बढे नाले को बाढ आयी है. साथ ही इस बारिश की वजह से  ईसापूर बांध 100 प्र.श. जलसंचय हुआ है. इस बांध के बुधवार 22 सिंतबर को 7 दरवाजे 50 सेंटिमीटर से खोलकर पैनगंगा नदी के पात्र में 338.602 क्युसेक्स जल का विसर्ग किया गया था.   

    ऐसे में पिछले चार दिनों से हो रहे बारिश की वजह से जयपूर बांध 100 प्र.श. भरने की वजह से उस बाध के चार दरवाजे खोलकर ईसापूर बांध में छोडे गए थे. इस वजह से ईसापूर बांध जलस्तर से अपेक्षित जलसंचय से अधिक जल होने कारण  7  दरवाजे से पानी का विसर्ग किया जा रहा है. 

    इसापुर बाध में अब जल स्तर 440.98 मीटर  है जो कू जलसंचय 1277.15 दलघमी इतना है.  बाध में उपयुक्त  जलसंचय 962.19 दलघमी   है ओर बांध में 99.80 फीसदी जलसंचय उपलब्ध है. बांध के नदी सट्टे परिसर के किसानों के फसल खराब हो गई है. जिस वजह से शेबालपिपरी, इसापूर, कोल्हा, देव गव्हाण, गोल बुद्रुक, दगड धानोरा, जगापुर इस परिसर के खेतो ने अब तालाब का रूप लिया है. 

    सरकार ने तत्काल रूप से पंचनामा कर किसानों को मुआवजा देने की मांग को लेकर शनिवार 25 सिंतबर को उपविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौपा है.  इस समय किसान संगठन के रवींद्र महले, जैनुल सिद्धगी, अरविंद बि. जोशी, मंगेश पारडकर, बाबुराव कांबळे, नुर खां महबूब खां, गुलाब खां रसुख खां, लक्ष्मण किसन धबाले, नूईम खां नुर खां,  समेत अन्य किसान उपस्थित थे.