Bhavana Gawali-ED : Shiv Sena MP Bhawna Gawli will not appear before ED today, asks for 15 days time
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    यवतमाल. शिवसेना से बगावत करने के बाद भाजपा के साथ मिलकर सेना नेता एकनाथ शिंदे ने बड़े ही नाटकीय ढंग से राज्य के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल ली. 40 विधायकों सहित सेना के 18 में से 12 सांसदों ने भी बगावती तेवर दिखाए. जिसके बाद राज्य में शिंदे गुट को सत्ता प्राप्त हुई. केंद्र में भी 3 मंत्रिपद देने की योजना भी बनी थी.

    अब यवतमाल-वाशिम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद भावना गवली को आनेवाले दिनों में होनेवाले कैबिनेट विस्तार में मंत्री पद मिलने के आसार दिखाई दे रहे हैं. बाल ठाकरे ने मराठी भाषिकों के लिए आवाज उठाते हुए शिवसेना की नींव रखी थी.

    राज्य के कोने कोने में शिवसैनिक खड़े करते हुए पार्टी को मजबूत करने का काम किया. वर्ष 1995 में भाजपा के साथ मिलकर राज्य में युति सरकार बनी. सबसे ज्यादा सीटें शिवसेना के पास थी और भाजपा दूसरे नंबर पर थी. शिवसेना का मुख्यमंत्री और भाजपा का उपमुख्यमंत्री रहने का तय किया गया था. 

    विदर्भ से राठोड़ के अलावा कोई मंत्री नहीं

    दौर बदलते ही शिवसेना की अंगूली पकड़कर उभरकर सामने आनेवाली भाजपा ने शिवसेना का नियोजनबद्ध तरीके से ठिकाने लगाना शुरू किया. अब फिर से भाजपा और शिवसेना शिंदे गुट ने राज्य में सरकार स्थापित की है. शिंदे गुट से विदर्भ के नेता तथा राज्य के अन्न एवं औषधि मंत्री संजय राठोड के अलावा अन्य किसी भी नेता को सत्ता में मौका नहीं मिला है. इसीलिए अब सांसद गवली को केंद्र में मंत्रिपद देकर विदर्भ में शिंदे गुट की ताकत बढाने का दांवपेच खेला जा रहा है. आगामी चुनाव से पूर्व सांसद गवली को केंद्र में मंत्री पद मिलने की उम्मीदें जताई जा रही है. इस तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं.