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यवतमाल. बीते 21 अप्रैल से यवतमाल जिले की 1200 ग्राम पंचायतों में कामबंद आंदोलन किया जा रहा है. इस संबंध में 20 अप्रैल को उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन भी दिया गया था. मानधन नहीं देने पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी गई थीं. बावजूद इसके जिला परिषद प्रशासन की ओर से ज्ञापन की दखल नहीं ली गई. इसीलिए संगठन ने 8 मई को  आत्मदाह करने का निर्णय लिया है.

कम्प्यूटर आपरेटर का वेतन 7 हजार रुपये बहुत ही कम है, जो समय पर नहीं मिलता है. कम्प्यूटर आपरेटर किसान और खेतिहर मजदूर के परिवार से ताल्लुक रखता है और जब उसका परिवार अकाल का सामना करता है तो उसे संतोषजनक जवाब नहीं मिलता और लोग कंपनी की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं देने के कारण संगठन ने आत्मदाह करने का फैसला लिया है.

संगठन के पदाधिकारियों ने 4 मई को जिला परिषद में मुख्य कार्यपालन अधिकारी से मुलाकात कर उन्हें आत्मदाह के संबंध में बयान सौंपा और बयान के माध्यम से कंप्यूटर आपरेटर की दुर्दशा को व्यक्त किया. कंप्यूटर ऑपरेटर को बेहद मामूली वेतन 7 हजार और कंपनी की ओर से फर्जी काम दिखाने के लिए 100 एंट्री का टारगेट दिया जाता है.  कम्प्यूटर आपरेटर को 3-3 माह से वेतन नहीं मिल रहा है.

मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन

काफी कम मानधन पर काम करनेवाले कम्प्युटर आपरेटरों पर भूखमरी की नौबत आन पडी है. जिसके चलते संगठन की ओर से सर्वसहमति से जिला परिषद के सामने आत्मदाह करने का निर्णय लिया है.  निवेदन सौंपते समय राजकुमार महल्ले, स्वप्नील धनरे, देवेंद्र चव्हाण, दिनेश पुसांडे, आकाश पाईकराव आदि मौजूद थे.