Chakkajam Movement

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नेर. नेर बाजार समिति में मंगलवार की सुबह 10  बजे किसानों के कृषिमाल के लिए शेड खाली नहीं रहने से बाजार समिति प्रशासन के खिलाफ किसानों ने एल्गार किया. जिसके चलते किसानों ने बाजार समिति के सामने यवतमाल अमरावती मार्ग पर चक्काजाम आंदोललन किया और दो दिनों में व्यापारियों का माल रहनेवाला शेड खुला नहीं करने पर तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी कृषि उपज बाजार समिति प्रशासन को दी. तकरीबन एक घंटा किसानों ने चक्काजाम किया.

पुलिस उपनिरीक्षक किशोर खंडार ने किसानों को समझाने का प्रयास किया और बाजार समिति के प्रशासक से बातचीत की गई. जिसके बाद किसान शांत हुए. इसके बाद घटनास्थल पर पुलिस निरीक्षक रामकृष्ण जाधव भी पहुंचे उन्होंने भी किसानों को समझाया. जिसके बाद बाजार समिति के प्रभारी सचिव कदम ने जानकारी दी कि किसानों को शेड उपलब्ध कराकर देने की जानकारी दी. इसके बाद किसानों ने यवतमाल अमरावती मार्ग को खुला कर दिया. बाजार समिति की बॉडी लगभग एक साल से बरखास्त हो चुकी है और नेर कृषि उपज बाजार समिति का काम प्रशासक बी. सी जाधव संभाल रहे है.

बाजार समिति के प्रशासक बी.जी.जाधव और सचिव विलास.रा.मालगे  दोनों उपस्थित नहीं रहने से नेर कृषि उपज बाजार समिति के प्रभारी सचिव रविंद्र कदम पर प्रभार है. सचिव और प्रशासक दोनों मौजूद नहीं रहते है और दोनों व्यापारियों पर ज्यादा मेहरबान है.

प्रभारी सचिव रवींद्र कदम ने गुरुवार तक किसानों को शेड उपलब्ध कराकर देने की जिम्मेदारी ली और नहीं होने पर इसके बाद आंदोलन करने अथवा बेमौसम बारिश से किसानों के माल का नुकसान होने पर इसकी पूरी जिम्मेदारी कृषि उपज बाजार समिति नेर के पुलिस निरीक्षक रामकृष्ण जाधव ने चर्चा कर किसानों को लिखित तौर पर दिया. आंदोलन में किसी भी राजनीतिक दल का हस्तक्षेप नहीं था यह आंदोलन किसानों ने अचानक शुरू किया. नेर कृषि उत्पन्न बाजार समिति में दो तीन व्यापारियों का साम्राज्य है. लगभग चार से छह महीनों से व्यापारी शेड खाली नहीं कर रहे है और किसानों को अपना माल खुले में रखना पड रहा है. 

इससे पूर्व कुछ किसानों ने तहसीलदार के पास शिकायत दर्ज करायी थी. जिसके बाद तहसीलदार ने शेड का अवलोकन किया था. इस समय सभी व्यापारियों की बोरियां शेड में दिखाई दी. तहसीलदार ने व्यापारी और प्रशासक से प्रत्यक्ष मुलाकात कर बोरियां उठाने की सूचनाएं दी थी. वहीं 1 मार्च को कृषि उपज बाजार समिति ने शेड में बोरियां उठाने के लिए नोटिस भी दिए थे.