'Lalpari' caught in Corona's net, employees angry over lack of vaccination - warning of strike
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    • क्या रुख लेंगे हडताली एसटी कर्मी, सभी की निगाहें टिकी

    यवतमाल. पुरे राज्य समेत यवतमाल जिले में राज्य परिवहन निगम के 9 एसटी डिपों के चालक, वाहक, यांत्रीकी कर्मचारीयों द्वारा एसटी को सरकार में विलीन करने की मांग पर पिछले 4 माह से लगातार हडताल की जा रही है. इस हडताल के चलते एसटी कर्मचारीयों के वेतन रोकने से उनपर आर्थिक संकट मंडरा चुका है, तो दुसरी ओर काम पर लौटने की हिदायतों के बावजुद लगातार हडताल जारी रखे जाने से जिले में सैंकडों एसटी कर्मचारीयों पर निलंबन, डीसमीस, वेतन बढोत्तरी रोकने समेत शो कॉज नोटीस की कारवाई की गयी है.

    हडताल के दौरन अनेक एसटी कर्मचारी तनाव के कारण मृत हो गए है, इसी बीच हडताली कर्मचारीयों के विलीनीकरण की मांग पर न्यायालय के निर्देशों पर गठीत सरकार की समिती ने विधानसभा में जो रिपोर्ट पेश की है, उसके मुताबिक एसटी का विलीनीकरण संभव नही होने की बात दर्ज की गयी है.

    इसी बीच परिवहन मंत्री अनिल परब ने हडताली कर्मचारीयों पर अब तक हुई कारवाई वापस लेने और उन्हे काम पर लौटने की अपील की है, लेकिन एैसे में अब हडताली एसटी कर्मचारी सरकारी समिती की सदन में रखी गयी रिपोर्ट और न्यायालय के फैसले के बाद क्या भुमिका अपनाते है, इस ओर सभी की निगाहें टिकी हुई है. बता दें की आज 5 मार्च को भी यवतमाल शहर में एसटी डिपो के सामने एसटी कर्मचारीयों की हडताल जारी थी.

    इस बारे में एसटी कर्मीयों से जानकारी लेने पर पता चला की, एसटी कर्मीयों के वरिष्ठ संगठन और युनियन के अगले निर्णय के बाद हडताल के संबंध में फैसला लिया जाएंगा, हालांकी सरकारी स्तर पर न्यायालय के निर्देशों पर समिती ने विलीनीकरण के संदर्भ में जो रिपोर्ट पेश की गयी है, उसे लेकर हडताली कर्मचारीयों में रोष भी दिखाई दिया, साथ ही परिवहन मंत्री अनिल परब के निर्देशों की बजाय एसटी कर्मचारीयों के हितों को लेकर सरकार और न्यायालय की ठोस भूमिका पर ही हडताल निर्भर होने की प्रतिक्रिया एसटी कर्मीयों ने दी.

    हडताली कर्मचारी संगठन की ओर से बताया गया की, सभी हडताली कर्मचारीयों की निगाहें सरकार की समिती द्वारा कोर्ट में पेश होनेवाली रिपोर्ट पर टिकी हुई थी, इसमें न्यायालय की सुचना के बाद समिती ने यह रिपोर्ट पेश कर दी है, लेकिन इसमें राज्य परिवहन निगम के एसटी कर्मचारीयों का राज्य सरकार में विलीनीकरण करना संभव नही होने की बात दर्ज की है.

    इसमें सरकार ने विलीनीकरण के अलावा एसटी कर्मचारीयों के वेतन बढोत्तरी और आर्थिक तथा सुविधाओं से जुडे अनेक मुददों पर मांगे मानी थी,.लेकिन जब तक विलीनीकरण नही तब तक आंदोलन वापस नही लेंगे, एैसी भूमिका हडताल के दौरान कर्मचारीयों ने ली थी.

    बता दें की सरकार की 3 सदस्यीय समिती ने इससे पुर्व न्यायालय में भी यही मुददा रखा इसके बाद परिवहन मंत्री अनिल परब ने शुक्रवार को सभागृह में यह रिपोर्ट पेश की, इसमें विलीनीकरण संभव नही होने की जानकारी उन्होने दी, इसी बीच परिवहन मंत्री अनिल परब द्वारा 10 मार्च के भीतर हडताली एसटी कर्मचारीयों को काम पर लौटने के निर्देश देकर सरकार के सामने कर्मचारीयों के संबंध में अन्य विकल्प होने की चेतावणी दी है, आज इसे लेकर भी हडताली कर्मचारीयों में रोष दिखाई दिया.इसके अलावा आज भी यवतमाल में एसटी हडताल जारी रही.

    बता दें की यवतमाल जिले में हडताल के पुर्व प्रतिदिन 2200 फेरीयां चलती थी, लेकिन हडताल के कारण बडे पैमाने पर एसटी फेरीयां बंद पडी हुई है, हालांकी विभागीय नियंत्रक कार्यालय द्वारा जिले से मध्यम और लंबी दुरी की कुछ बस फेरीयां शुरु की गयी है, हडताल के दौरान अनेक कर्मचारी काम पर भी लौटे है, लेकिन बडे पैमाने पर अब भी एसटी कर्मचारी हडताल पर होने से बसफेरीयों की संख्या नही बढ पायी.

    जिससे हर दिन एसटी को नुकसान उठाना पड रहा है, एैसे में अब सरकारी समिती की रिपोर्ट के बाद न्यायालय हडताल पर क्या फैसला देती है, इसके बाद ही लालपरी के सुचारु सेवा के संबंध में तस्वीर साफ होने का अनुमान जताया जा रहा है.