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प्रतीकात्मक तस्वीर

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    • पंचनामें में पुलिस को मिला इंजेक्शन 
    • इंजेक्शन पर पुलिस का कोई नही एक्शन

    मारेगाव. तहसील के डोरली ग्राम में 8 मई को अपने खेत की रखवाली करने गये  विलास गौरकार की 4 आरोपियों ने दुप्पटे से गला घोंट कर हत्या करने की बात उजागर हुई थीं. इस मामले में चारों आरोपियों को न्यायालय ने 4 दिन का पीसीआर देने के बाद जिला कारागृह भेज दिया है. परन्तु हत्या के बाद पुलिस ने अपनी जांच में सबूत इकट्ठा किए. जिसमें एक इंजेक्शन का भी समावेश है, पर इंजेक्शन को लेकर पुलिस  कोई एक्शन नहीं ले रही है. जिससे इंजेक्शन को लेकर चर्चा का माहौल गरमाने लगा है. 

    आरोपियों ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि  आरोपी विशाल झाड़े एंव मृतक विलास गौरकार  दोनों के बीच पिछले 15 वर्षों से जगह को लेकर विवाद चल रहा था. विशाल मृत विलास से अपना कांटा निकालने की फिराक में था. बीते 8 मई की शाम मारेगाव शहर के एक बियर बार में प्लान चॉक आउट किया गया.

    जिसमें विशाल झाड़े सहित नवरगांव धरण ग्रामवासी अजित फुलझले प्रशांत काटकर ,रूपेश नैताम ने शराब के नशे में  मृतक विलास गौरकार के पशुधन को इंजेशक्शन देकर खत्म किया जाये. इंजेक्शन खरीदा गया देर रात डोरली स्थित विलास गौरकार के खेत पहुंचने पर विलास ने चारों को देख लिया. देखते ही चारों आरोपियों ने विलास से हाथापाई शुरू की. आखिर में चारों आरोपियों ने पकड़ कर विलास की दुपट्टे से गला घोंट कर हत्या कर दी. 

    पुलिस ने जांच पडताल शुरू की. जिसमें पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुई. जिसमें आरोपियों ने हत्या के लिए इस्तेमाल किए गये सारे साजो सामान मिले. जिसमे एक इंजेक्शन भी मिला है पर इंजेक्शन कहाँ से लाया गया, किस डॉक्टर के कहने के मुताबिक मेडिकल संचालक ने इन्हें इंजेशक्शन बेचा. इस पर पुलिस चुप्पी साधी बैठी है. जिसमें यह भी सवाल उठता है कि यह इंजेशक्शन किस मर्ज पर इस्तेमाल होता है या फिर मेडिकल संचालक को यह इंजेक्शन बेचने का अधिकार है या भी नहीं पुलिस अब तक इंजेक्शन की तह तक ना पहुंचने से उलट सुलट चर्चाएं जोर  पकड़ रही है.