चंडीगढ़: अकाल तख्त (Jathedar Akal Takht) प्रमुख ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने पंजाब के गावों में ईसाई धर्म (Christianity) फ़ैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, सिखों को बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जो हमें धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर बना रही हैं। हमें कमजोर करने के लिए पंजाब के गांवों में ईसाई धर्म फैलाया जा रहा है।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि, ‘मैं सभी सिखों, विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वालों से सिख धर्म को फैलाने और मजबूत करने की अपील करता हूं। उन्होंने कहा, अगर हम धार्मिक रूप से मजबूत नहीं हैं, तो हम सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होंगे, जिससे हम राजनीतिक रूप से कमजोर हो जाएंगे।’
Amritsar, Punjab | Sikhs are facing a lot of difficulties that are making us weak religiously, socially & economically. Christianity is being spread across villages of Punjab to weaken us: Giani Harpreet Singh, Jathedar Akal Takht (1/2) pic.twitter.com/PorViY9pkv
— ANI (@ANI) June 6, 2022
सिख धर्म को बढ़ावा देने के लिए करें सीमा क्षेत्रों का दौरा
‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ की 38वीं बरसी पर अमृतसर में अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस मौके पर सिख समुदाय के लिए जारी अपने संदेश में कहा कि सिख प्रचारकों और विद्वानों को सिख धर्म को बढ़ावा देने तथा समृद्ध सिख सिद्धांतों एवं इतिहास के बारे में युवाओं को अवगत कराने के लिए सीमा क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए। उन्होंने मादक पदार्थों की समस्या से निपटने की जरूरत पर भी जोर दिया, जिससे कई युवाओं का जीवन बर्बाद हो रहा है।
उन्होंने कहा, सभी सिखों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिखों को मॉडर्न हथियारों की ट्रेनिंग लेनी चाहिए। सिख संस्थाओं को गतका अखाड़े में शूटिंग की ट्रेनिंग शुरू करनी चाहिए। सिंह ने सिखों से अपील करते हुए कहा कि आजादी के बाद से ही सिखों को दबाने की नीतियां बन गई थीं। उन्होंने यह भी कहा कि, आजादी ने सिखों को धार्मिक और राजनीतिक रूप से कमजोर किया है, अब सिखों को मजबूत होकर देश की अर्थव्यवस्था पर कब्जा करना होगा।
मान सरकार ने हरप्रीत सिंह की घटाई सुरक्षा
उल्लेखनीय है कि, पंजाब की आप सरकार ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या (Sidhu Moose Wala Murder) से एक दिन पहले मूसेवाला समेत तमाम लोगों की सुरक्षा में कटौती की थी। जिसमें अकाल तख्त (Akal Takht) के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सुरक्षा भी घटाई गई थी।