चंडीगढ़: एक बड़ी खबर के अनुसार जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को फरलो देने का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) पहुंच गया है। न्यायालय ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
उल्लेखनीय है कि,जस्टिस बीएस वालिया ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार नोटिस जारी कर कहा कि, सोमवार को सभी दस्तावेज व रिकार्ड कोर्ट में पेश करें, जिसके आधार पर राम रहीम को फरलो देने का निर्णय लिया गया है। वहीं, कोर्ट ने सरकार को इस मामले में लिखित हलफनामा दायर कर पक्ष रखने का भी आदेश दिया है।
अदालत में बहस के दौरान हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने कोर्ट में कहा कि, रोहतक मंडल के आयुक्त ने पुलिस रिपोर्ट और कुछ शर्तों के साथ गुड कंडक्ट प्रिजनर्स के नियमों के आधार पर फरलो जारी किया है। वहीं , अगर इन शर्तों के खिलाफ कुछ भी होता है तो फरलो तुरंत ही रद्द की जा सकती है। अदालत ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद सरकार को नोटिस जारी कर सोमवार को रिकार्ड पेश करने का आदेश दिया है।
बता दें कि, इस मामले में पंजाब विधानसभा चुनाव में समाना निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लढ रहे उम्मीदवार परमजीत सिंह सोहाली (56) ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। सोहाली द्वारा दायर याचिका में दलील दी है कि, डेरा प्रमुख को फरलो पर ऐसे समय में रिहाई की गई है जब 20 फरवरी को पंजाब विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। याचिका में यह भी दलील दी गई है कि,डेरा प्रमुख को फरलो मिलाने की वजह से पंजाब में शांति भंग होने का खतरा है। वहीं, याचिका के मुताबिक, पंजाब के कुछ क्षेत्रों में डेरा के प्रभाव का रहता है ,ऐसे में डेरा प्रमुख की रिहाई से राज्य के विधानसभा चुनावों पर प्रतिकूल परिणाम पडने की संभावना है।
गौरतलब है कि साल 2017 में दो अनुयायियों के साथ दुष्कर्म के जुर्म में डेरा प्रमुख को 20 साल की सजा सुनाई गई थी। फिर सीबीआई की एक विशेष अदालत ने डेरा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की साल 2002 में हत्या के मामले में भी गुरमीत राम रहीम सहित चार अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई सुनवाई थी। डेरा सच्चा सौदा चीफ फिलहाल रोहतक की सुनरिया जेल में सजा काट रहा है।