अमृतसर (पंजाब). शिवसेना (टकसाली) नेता सुधीर सूरी का परिवार शनिवार शाम को तब उनके शव का अंतिम संस्कार करने के लिए सहमत हो गया, जब जिला प्रशासन ने परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और सुरक्षा देने का आश्वासन दिया। अंतिम संस्कार रविवार को होगा। अमृतसर उपायुक्त हरप्रीत सिंह सूदन और पुलिस आयुक्त अरुण पाल सिंह ने शनिवार शाम परिजनों के साथ बैठक करके उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया।
परिवार को आश्वासन दिया गया कि सूरी को शहीद का दर्जा देने सहित उनकी सभी मांगों को राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा। परिवार को सुरक्षा घेरा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी का आश्वासन दिया गया। इससे पहले दिन में सूरी के समर्थकों ने अमृतसर-दिल्ली रेल पटरी पर धरना दिया। हालांकि बाद में पुलिस ने उन्हें पटरी से हटा दिया। सूरी की शुक्रवार को एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के दौरान दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
सूरी शहर में सबसे व्यस्त स्थानों में से एक मजीठा रोड पर गोपाल मंदिर के प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। दरअसल, कुछ हिंदू देवी-देवताओं की टूटी हुई प्रतिमाएं कथित तौर पर सड़क किनारे पाई गई थीं, जिसे सूरी ने बेअदबी बताया था। आरोपी संदीप सिंह उर्फ सनी (31) को गिरफ्तार कर लिया गया और अपराध में प्रयुक्त 32 बोर का लाइसेंसी हथियार भी जब्त कर लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को यहां के सरकारी मेडिकल कॉलेज में सूरी का पोस्टमार्टम किया गया।
अधिकारी ने कहा कि शव परीक्षण की वीडियोग्राफी भी की गई। इस बीच एक स्थानीय अदालत ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। संदीप सिंह को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यहां अदालत में पेश किया गया। उन्होंने बताया कि शिवसेना नेता के घर के आसपास सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। पुलिस ने शहर में कई जगहों पर सुरक्षा भी कड़ी कर दी है।
पंजाब में कई जगहों पर हत्या के विरोध में कई हिंदू संगठनों द्वारा विरोध मार्च निकाला गया। विपक्षी नेताओं ने सूरी की हत्या को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधा। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने चेतावनी दी कि राज्य में 1980 के स्याह दौर की वापसी हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से राज्य में आज घटनाएं हो रही हैं, वह चिंताजनक है।”
सिंह ने राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को भी किसी ‘‘शिथिलता” को लेकर आगाह किया। उन्होंने राज्य में ‘आप’ सरकार की ‘पूरी तरह से विफलता’ की निंदा करते हुए कहा कि शुक्रवार को शिवसेना (टकसाली) के नेता सुधीर सूरी की अमृतसर में की गई हत्या के 24 घंटे पूरे होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने नृशंस हत्या पर आम आदमी पार्टी सरकार और उसके नेताओं की कथित “आपराधिक और सांठगांठ वाली चुप्पी” पर सवाल उठाया। उन्होंने यहां एक बयान में कहा, “इस तरह के जघन्य कृत्य पर यह चुप्पी सांठगांठ वाली है।”
उन्होंने सवाल किया कि अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान सहित आप नेताओं ने इस घटना पर कैसे “आपराधिक चुप्पी” बनाए रखी। सूरी की नृशंस और बर्बर हत्या की निंदा करते हुए शेखावत ने कहा, ‘‘यह लोगों में भय की भावना पैदा करने के उद्देश्य से किया गया आतंकी कृत्य था। इसने वास्तव में लोगों में दहशत और भय पैदा कर दिया है, जिससे उन्हें 1980-90 में पंजाब में आतंक के स्याह दिनों की याद आ रही है।” उन्होंने कहा, “सबसे बुरे की आशंका थी और सबसे बुरा हुआ, क्योंकि आम आदमी पार्टी की सरकार ने पंजाब में लोगों के जीवन की रक्षा के लिए अपने अधिकार और जिम्मेदारी को पूरी तरह से त्याग दिया है।”
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर आप सरकार पर हमला बोला। पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान गुजरात और हिमाचल प्रदेश राज्यों में ‘आप’ के ‘स्टार प्रचारक’ बने हुए हैं, जबकि पंजाब के निवासियों को ‘भगवान की दया’ पर छोड़ दिया है। बाजवा ने मान पर पंजाब के अब तक के ‘सबसे निष्प्रभावी’ मुख्यमंत्री होने का आरोप लगाया।
कांग्रेस नेता ने कहा, “वह राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति पर लगाम लगाने में बुरी तरह विफल रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि जब से आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई है, तब से राज्य में आग्नेयास्त्रों से अपराधों में तेज वृद्धि देखी गई है। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने आप सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सूरी की हत्या इसकी एक और याद दिलाती है कि पंजाब में सरकार जैसी कोई चीज नहीं है। (एजेंसी)