शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा लिए गए सभी फैसलों की समीक्षा करने की घोषणा की है और उन अधिकारियों को बर्खास्त करने का आदेश दिया, जिन्हें हाल के महीनों में फिर से नियुक्त किया गया था या सेवा विस्तार दिया गया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस फैसले को “दुर्भाग्यपूर्ण और तानाशाही” करार दिया है।
सोमवार रात जारी आदेशों के अनुसार, विभिन्न बोर्ड और समितियों के प्रमुखों और सदस्यों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती हैं और सरकारी नौकरियों के लिए भर्तियां-जब तक कि राज्य भर्ती बोर्ड या आयोग के माध्यम से नहीं की गई हों – रोकी जाती हैं। यह आदेश हालांकि, सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों और स्वास्थ्य संस्थानों पर लागू नहीं होगा। संस्थानों के निर्माण और उन्नयन की अधिसूचना को गैर-अधिसूचित करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं और नए प्रस्ताव मांगे गए हैं।
Himachal Pradesh | No budgets were allocated to institutions that ex-CM Jairam Thakur earlier notified to establish before the assembly election. We have taken steps for the betterment of people. Once the cabinet is formed we will implement OPS: CM Sukhvinder Singh Sukhu pic.twitter.com/57ftZDBdkg
— ANI (@ANI) December 13, 2022
सभी कार्यालयों को निर्देशित किया गया है कि पंप संचालकों, बहुउद्देश्यीय कर्मचारियों, रसोइयों और सहायकों के संबंध में कोई नया नियुक्ति पत्र या आवेदन आमंत्रित करने का नोटिस जारी न करें। जल शक्ति विभाग के प्रधान अभियंता (इंजीनियर-इन-चीफ) ने विभाग के सभी अधिकारियों को किसी भी कारण से क्षतिग्रस्त हुए सभी शिलान्यास पट्टिका/आधारशिला को बहाल करने का भी निर्देश दिया। सरकार ने एक जून 2022 से पिछले छह महीनों के दौरान पिछली सरकार द्वारा किए गए सभी शिलान्यासों का विवरण भी 15 दिसंबर 2022 तक मुख्यमंत्री कार्यालय में जमा करने के लिए कहा।
आदेश में कहा गया है कि प्रक्रियाधीन सभी लंबित निविदाओं को रोक दिया जाएगा और अगले आदेश तक किसी भी परिस्थिति में कोई काम नहीं दिया जाएगा और कोई नई निविदा आमंत्रित नहीं की जाएगी। इस आदेश पर पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा की राज्य इकाई के प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कहा कि संस्थान आम जनता के लाभ के लिए खोले गए हैं और उनका उन्नयन किया गया था। इन्हें गैर-अधिसूचित करना एक जनविरोधी कार्य था।
उन्होंने आदेश को ‘‘प्रतिशोध का कार्य” बताया और सुक्खू से इस कदम पर पुनर्विचार करने की मांग करते हुए कहा कि ये विकास कार्य जनहित में शुरू किए गए थे। शर्मा ने चेतावनी दी कि कांग्रेस के जनविरोधी फैसलों के खिलाफ भाजपा आवाज उठाएगी। हाल में हुए राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत के बाद सुक्खू ने रविवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।