JOB AND YOGI

Loading

@राजेश मिश्र

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आगामी 19 फरवरी को हो रही ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में आईटी एवं आई इनेबल्ड सर्विसेज (आईटी एंड आईटीईएस) क्षेत्र की 91000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में इस सेक्टर की 60 परियोजनाओं पर काम की शुरुआत होगी जिनमें 91456 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है. इन परियोजनाओं से 81424 रोजगार सृजित होंगे। 

आईटी एवं आईटीईएस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बड़े निवेशों में नोयडा डेटा सेंटर पार्क भी शामिल है, जिसे एनआईडीपी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित किया जा रहा है। गौतम बुद्ध नगर में स्थित एनआईडीपी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड का डाटा सेंटर पार्क एक प्रमुख उद्यम है, जिसके लिए ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 20 एकड़ भूमि की व्यवस्था की है। लगभग 30,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई यह परियोजना 2100 से अधिक रोजगार का सृजन करेगी। 

अधिकारियों ने बताया कि टीएआरक्यू सेमीकंडक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित की जाने वाली एक और महत्वपूर्ण परियोजना गौतमबुद्ध नगर में, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र (यीडा) में है। यह परियोजना 28440 करोड़ रुपये के निवेश के साथ इंटीग्रेटेड कंपाउंड सेमीकंडक्टर्स का निर्माण एवं असेंबली करेगी. इस परियोजना से 1,000 व्यक्तियों के लिए रोजगार उत्पन्न होने का अनुमान है। 

इसके अतिरिक्त, सिफी इन्फिनिट स्पेस लिमिटेड दो परियोजनाओं की स्थापना करेगा, जिनका कुल निवेश 19000 करोड़ रुपये होगा. इनमें से एक परियोजना न्यू ऐज हॉरिजॉन्टल डाटा सेंटर की होगी औऱ इसमें 11000 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जबकि दूसरी परियोजना डाटा सेंटर क्षेत्र में महत्वपूर्ण आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करेगा, जिसमें 8000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। ये दोनों परियोजनाएं गौतम बुद्ध नगर (नोयडा) में आ रही हैं और प्रत्येक में 300 लोगों को रोजगार मिलेगा। 

औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फरवरी 2023 में सम्पन्न हुई यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में 5.29 लाख करोड़ रुपये के 321 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इनमें से अब 91,456.89 करोड़ रुपये की 60 परियोजनाएं एक साल भीतर ही ग्राउन्ड ब्रेकिंग के लिए तैयार हैं. उनका कहना है कि हालांकि राज्य की अधिकांश परियोजनाएं पश्चिमी क्षेत्र, मुख्यत: नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, यीडा, मथुरा तथा आगरा में संचालित हो रही हैं, वहीं कुछ प्रमुख परियोजाएं लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, बस्ती एवं बाराबंकी जैसे क्षेत्रों में भी लगायी जा रही हैं।  

परियोजनाओं का इस प्रकार से पूरे राज्य में वितरण उत्तर प्रदेश को न केवल इस क्षेत्र के जाने माने उद्योगपतियों के आकर्षण का केंद्र बनाता है बल्कि प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की ओर एक मजबूत कदम भी है।