चंडीगढ़. हरियाणा भाजपा अध्यक्ष नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय (Bandaru Dattatreya) ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। वह मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) की जगह संभालेंगे। इसी के साथ भाजपा नेता कंवरपाल गुज्जर, मूलचंद शर्मा, रंजीत सिंह चौटाला, जयप्रकाश दलाल और बनवारी लाल ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है।
इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और इसके कुछ ही देर बाद नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया। इसके बाद सैनी ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। सैनी खट्टर के करीबी नेता माने जाते हैं।
#WATCH | Haryana BJP president Nayab Singh Saini takes oath as the Chief Minister of Haryana, at the Raj Bhavan in Chandigarh. pic.twitter.com/ULZm5kqwLG
— ANI (@ANI) March 12, 2024
OBC से ताल्लुक रखते हैं सैनी
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से ताल्लुक रखने वाले सैनी कुरुक्षेत्र से सांसद हैं और पिछले साल अक्टूबर में ओम प्रकाश धनखड़ को हटाकर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इस बदलाव को ओबीसी समुदाय पर अपनी पकड़ मजबूत करने के भाजपा के प्रयास के तौर पर देखा गया था।
हरियाणा में सबसे ज्यादा जाट समुदाय की आबादी
राज्य में सबसे अधिक आबादी जाट समुदाय की है। माना जाता है कि इस समुदाय का वोट कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और इंडियन नेशनल लोकदल के बीच बंट जाता है। सैनी ने प्रदेश संगठन में कई पदों पर जिम्मेदारी संभाली है। वह भाजपा की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा में भी कई दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। साल 2012 में उन्हें भाजपा ने अंबाला इकाई का जिला अध्यक्ष बनाया था और फिर साल 2014 में वह नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। वह हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री भी रहे हैं। साल 2019 में वह कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए।
लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री क्यों बदला गया?
हरियाणा में मुख्यमंत्री को ऐसे समय में बदला गया है, जब लोकसभा चुनाव की घोषणा होने में कुछ ही दिन बचे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को हरियाणा में ही थे। गुरुग्राम में एक सरकारी कार्यक्रम में उन्होंने खट्टर की जमकर तारीफ की थी। तब किसी को यह अनुमान भी नहीं था कि अगले ही दिन खट्टर को इस्तीफा देना पड़ जाएगा। हरियाणा विधानसभा के पिछले चुनाव के बाद भाजपा ने जजपा के साथ मिलकर और कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी। मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री और जजपा अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री बने।
जजपा और भाजपा में सीटों के लिए टकराव
पंजाबी खत्री समुदाय से ताल्लुक रखने वाले खट्टर ने आज जब मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया, तब राज्य मंत्रिपरिषद में उनको मिलाकर कुल 14 मंत्री थे। इसमें चौटाला सहित जजपा के तीन सदस्य भी शामिल थे। जजपा आगामी लोकसभा चुनाव में हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से अपना उम्मीदवार उतारना चाह रही थी, लेकिन भाजपा दोनों सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में उसने राज्य की सभी 10 सीट पर जीत हासिल की थी।
दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को भाजपा अध्यक्ष नड्डा के साथ सीटों के बंटवारे के सिलसिले में बातचीत भी की थी, लेकिन संभवत: वह विफल रही। इससे पहले कि गठबंधन टूटने को लेकर कोई औपचारिक घोषणा होती, भाजपा ने मुख्यमंत्री खट्टर का इस्तीफा दिला दिया और विधायक दल के नए नेता का चयन कर लिया।
वर्तमान में, 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 41 विधायक और जजपा के 10 विधायक हैं। इस गठबंधन को सात में से छह निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त था। आंकड़ों के लिहाज से, भाजपा सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं दिख रहा है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 30 विधायक हैं और इंडियन नेशनल लोकदल तथा हरियाणा लोकहित पार्टी के पास एक-एक सीट है। (एजेंसी इनपुट के साथ)