
चंडीगढ़: पंजाब पुलिस ने सोमवार (20 मार्च) को कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े पांच लोगों के खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया है। पुलिस ने यह भी बताया कि वारिस पंजाब दे के नेता अमृतपाल सिंह “अभी भी फरार है और उसे पकड़ने के प्रयास जारी हैं।”
मीडिया को संबोधित करते हुए, पंजाब के आईजीपी सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि गिरफ्तार किए गए पांच लोगों (डिब्रूगढ़ भेजे जा रहे) के खिलाफ एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाया गया है। पंजाब आईजीपी ने कहा कि पांच आदमियों में से चार को पहले ही असम के डिब्रूगढ़ भेज दिया गया है और पांचवें, अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह को अब असम ले जाया जा रहा है। बता दें कि पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों दलजीत कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह भुखनवाला और भगवंत सिंह को डिब्रूगढ़ भेजा है।
Four detainees were sent to Dibrugarh, Assam after custody. They are Daljeet Kalsi, Basant Singh, Gurmeet Singh Bhukhanwala and Bhagwant Singh. One more detainee, Harjeet Singh – the uncle of Amritpal Singh is en route Dibrugarh. He is being taken there: Punjab IGP pic.twitter.com/L0LgYdECT5
— ANI (@ANI) March 20, 2023
गिल ने कहा कि राज्य में शांति है और हालत काबू में है। उन्होंने कहा, ‘वारिस पंजाब दे’ के कुछ तत्वों के खिलाफ विशेष कार्रवाई की गई, जिनके खिलाफ छह आपराधिक मामले दर्ज हैं। पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि अमृतपाल सिंह भाग रहा था और उसे पकड़ने के प्रयास जारी थे। उन्होंने कहा कि वारिस पंजाब दे संगठन के तत्वों के खिलाफ कार्रवाई में अब तक छह प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और 114 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 78 को पहले दिन, 34 को दूसरे दिन और बीती रात दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दस हथियार रिकवर किए गए हैं।
पुलिस ने कहा कि अभी तक जो फैक्ट्स और स्थिति प्रकाश में आई है इससे हमें आईएसआई एंगल का शक है। उन्होंने कहा है कि हमें गंभीर रूप से शक है कि विदेशी फंडिंग हो सकती है। आईजीपी पंजाब ने कहा कि हालात को देखते हुए ऐसा लगता है कि इसमें आईएसआई शामिल है और विदेशी फंडिंग भी है। उन्होंने बताया कि बुलेटप्रूफ जैकेट और राइफलें बरामद हुई हैं और अमृतपाल सिंह के घर के गेट पर AKF लिखा हुआ था। आईजीपी पंजाब गिल ने कहा कि ‘आनंदपुर खालसा फौज’ नाम से एक जत्थेबंदी बनाने की कोशिश की गई थी।