पटना: राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (Rashtriya Lok Samta Party) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की जनता दल यूनाइटेड (Janta Dal United) में फिर से वापसी हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने गले लगाकर उन्हें पार्टी में शामिल किया। रविवार को पटना में आयोजित कार्यक्रम में वह पार्टी में शामिल हुए। इसी के साथ उन्होंने अपनी पार्टी का जेडीयू में विलय कर दिया है। कुशवाहा के पार्टी में शामिल होते ही मुख्यमंत्री ने उन्हें संसदीय दल समिति का प्रमुख बना दिया है।
हम मिलकर अब काम करेंगे
कुशवाहा के पार्टी में स्वागत करते हुए हुआ नीतीश कुमार ने कहा, “हम काफी समय से आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के साथ बातचीत कर रहे थे। जब मैंने अपने पार्टी सदस्यों के साथ इस पर चर्चा की, तो उन्होंने हमारे साथ पार्टी के विलय के अपने विचार पर खुशी जाहिर की।”
उन्होंने कहा, “उपेंद्र जी ने जो पार्टी बनाई है उसे JDU के साथ किया जाएगा और अब हम लोग मिलकर जनता की सेवा करेंगे। अब हम सब एक हैं..पहले भी एक थे और अब फिर एक हो गए हैं। आप शुरू से जानते हैं कि हम लोग भाईचारे, प्रेम, सद्भावना का माहौल पैदा करते हैं।”
We were in talks with RLSP chief Upendra Kushwaha for quite some time. When I discussed it with my party members, they expressed their joy on his thought of merging the party with ours: Nitish Kumar, Bihar Chief Minister and JD(U) leader
— ANI (@ANI) March 14, 2021
कैसा रहा कुशवाहा और नीतीश के संबंध
ऐसी चर्चाएं रही हैं कि पूर्व में नीतीश कुमार के दल समता पार्टी और बाद में जदयू में रहे उपेंद्र कुशवाहा को 2004 में पहली बार विधायक बनकर आने के बावजूद कुमार ने कई वरिष्ठ विधायकों की अनदेखी करके कुर्मी और कुशवाहा जातियों के साथ एक शक्तिशाली राजनीतिक साझेदारी को ध्यान में रखते हुए बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनाया था।
2013 में जदयू के राज्यसभा सदस्य रहे कुशवाहा ने विद्रोही तेवर अपनाते हुए जदयू ने नाता तोड़कर रालोसपा नामक नई पार्टी का गठन कर लिया था। वह 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा नीत राजग का हिस्सा बन गये थे और उस चुनाव के बाद कुशवाहा को नरेंद्र मोदी सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री बनाया था।
जुलाई 2017 में जदयू की राजग में वापसी ने समीकरणों को एक बार फिर बदल दिया और रालोसपा इस गठबंधन ने नाता तोड़कर राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा बन गई थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में कुशवाहा ने काराकाट और उजियारपुर लोकसभा सीटों से चुनाव लड़स था लेकिन वह हार गए थे।
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कुशवाहा ने महागठबंधन से नाता तोड़कर मायावती की बसपा और एआईएमआईएम के साथ नया गठबंधन बनाकर यह चुनाव लड़ा था। बिहार विधानसभा चुनाव में रालोसपा प्रमुख कुशवाहा को उनके गठबंधन द्वारा मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया गया था लेकिन इनके गठबंधन में शामिल हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में जहां पांच सीट जीती थी, वहीं रालोसपा एक भी सीट नहीं जीत पायी थी।