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    देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में बुधवार को विपक्षी कांग्रेस ने प्रदेश में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में कथित घोटाले का मुद्दा उठाते हुए इसकी जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की।

    राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन शून्काल में मुद्दे को उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार मुख्य आरोपी हाकम सिंह केवल एक मोहरा भर है और प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले असली गुनहगार अभी गिरफ्त से बाहर हैं। 

    उन्होंने कहा कि घोटाले की सच्चाई बाहर लाने के लिए उच्चतम न्यायालय की निगरानी में सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए। चकराता से विधायक प्रीतम सिंह सहित अन्य कांग्रेस सदस्यों ने भी मांग का समर्थन किया और कहा कि सरकार असली गुनहगारों को बचाना चाहती है और गिरफ्तार आरोपियों में से भी अधिकतर कमजोर पैरवी के कारण जमानत पर छूट गए हैं। 

    प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने अपने जवाब में कहा कि राज्य सरकार ने मामले के संज्ञान में आने पर उस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उसकी जांच एसटीएफ को सौंप दी जिसने 42 आरोपियों को गिरफ्तार किया।  उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी सहित अन्य आरोपियों की संपत्ति जब्ती की कार्रवाई भी चल रही है।

    उन्होंने कहा ​कि उत्तरकाशी के रहने वाले मुख्य आरोपी की पांच करोड़ 43 लाख रुपये की संपत्ति की पहचान हुई है जिसे जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है।  सीबीआई को मामले की जांच सौंपे जाने के बारे में अग्रवाल ने कहा कि उच्च न्यायालय ने भी एसटीएफ की जांच को सही दिशा में बताया है। मंत्री के जवाब से अंसतुष्ट ​विपक्षी विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए सदन से बहिर्गमन किया।