Dr. Asha Lakra

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    – ओमप्रकाश मिश्र

    रांची : झारखंड (Jharkhand) के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान के इर्द-गिर्द ठेला-खोमचा और अस्थाई दुकान लगाकर अपना जीवनयापन (Livelihood) कर रहे लोगों की रोजी-रोटी हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की सरकार ने छीनी है। उन्हें उपयुक्त जगह देने की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार की ही है। रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation) संबंधित दुकानदारों (Shopkeepers) को जगह उपलब्ध कराने की दिशा में सिर्फ और सिर्फ एक माध्यम है। इसलिए इन दुकानदारों की रोजी-रोटी छीने जाने को लेकर कुछ लोग रांची नगर निगम को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, जो गलत है।

    रविवार को ये बातें मेयर डॉ. आशा लकड़ा ने कही। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पूर्व मोरहाबादी में जिस जगह पर अपराधियों ने गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया, वहां मुख्यमंत्री के पिता शिबू सोरेन का आवास है। इसलिए राज्य सरकार ने अपनी गलती को छिपाने के लिए वहां से ठेला-खोमचा और अस्थाई दुकानों को हटाने का फरमान जारी कर दिया। यदि राज्य सरकार चाहती तो संबंधित स्थल पर सीसीटीवी कैमरा लगाकर और पुलिस पेट्रोलिंग की नियमित व्यवस्था कर हाई सिक्योरिटी जोन को सुरक्षित कर सकती थी। संबंधित स्थल से निरीह दुकानदारों को हटाकर राज्य सरकार ने उनकी रोजी-रोटी छीनने का काम किया है।

    मेयर ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को जीने का अधिकार है। इसलिए संबंधित दुकानदारों से बातचीत कर उन्हें उपयुक्त स्थल पर बसाने की जरूरत है। जिस स्थल पर दुकानदारों के सामान की विक्री ही नहीं होगी वहां उन्हें शिफ्ट करने से इस समस्या का निदान संभव नहीं है। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि जब तक इन दुकानदारों के लिए उपयुक्त जगह की व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक उन्हें पूर्व की तरह ठेला, खोमचा और अस्थाई दुकान लगाने की इजाजत दी जाए। पुलिस-प्रशासन की ओर से हाई सिक्योरिटी जोन को सुरक्षित करने की व्यवस्था की जाए।