ओमप्रकाश मिश्र
रांची. मोदी सरकार (Modi Government ) का निशाना साफ है, देश की सम्पत्ति बेच देंगे, दुकानदारों- छोटे उद्योगों का धंधा चौपट कर देंगे, जो बच जाएगा, चंद कंपनियों को दे देंगे, युवाओं को नशे में धकेल देंगे। मोदी सरकार के खिलाफ अपनी उद्गार व्यक्त करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी (All India Congress Committee) के महासचिव (General Secretary) और पूर्व केन्द्रीय मंत्री तारिक अनवर ने झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी (Jharkhand Pradesh Congress Committee) के तत्वावधान में रांची स्थित कांग्रेस भवन में आयोजित एक कार्यक्रम ये बातें कहीI
तारिक अनवर ने मोदी सरकार पर खुलकर आरोप लगते हुए कहा कि दो सनसनीखेज खुलासों ने साफ कर दिया है कि मोदी सरकार ने देश के भविष्य को बेचने की “सुपारी” ले रखी है। यही इनका “खाएंगे, खिलाएंगे और लुटाएंगे” मॉडल है। तारिक ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कई सवाल उठाए उन्होंने कहा कि अमेजन कंपनी द्वारा 8,546 करोड़ रुपए की रिश्वत क्यों और किसे दी गई ? पिछले 1 साल में 14 करोड़ रोजगार खत्म हो चुके हैं। दुकानदार, छोटा उद्योग, एमएसएमई- सबका धंधा चौपट है। अब सनसनीखेज खुलासे में यह साफ हो गया है कि करोड़ों दुकानदारों, छोटे उद्योगों, युवाओं की नौकरियां खत्म होने का असली कारण क्या है?
विदेशी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने पिछले दो साल में भारत में कानूनी फीस के नाम पर 8,546 करोड़ रुपये का भुगतान किया। अब सामने आया है कि यह पैसा तथाकथित तौर से रिश्वत के तौर पर दिया गया। तारिक ने जो सवाल उठाए उनमें शामिल हैं, अमेजन द्वारा रुपया 8,546 करोड़ की रिश्वत भारत सरकार में किस अधिकारी और सफेदपोश राजनेता को मिली ? क्या यह रिश्वत मोदी सरकार में कानून और नियम बदलने के लिए दी गई ताकि छोटे-छोटे दुकानदारों और उद्योगों का धंधा बंद कर अमेजन जैसी ई-कॉमर्स कंपनी का व्यवसाय चल सके ? अमेजन की 6 कंपनियों ने मिलकर 8,546 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप क्यों हैं
इन कंपनियों का परस्पर रिश्ता क्या है ? किस-किस और कंपनी से इनके व्यवसायिक ताल्लुकात हैं, और यह पैसा निकालकर किसको और किस प्रकार से भुगतान किया गया ? अमेरिका और भारत दोनों देशों में लॉबिंग और रिश्वत का पैसा देना अपराध है और गैर कानूनी है। तो फिर मोदी सरकार की नाक के नीचे इतनी बड़ी रकम रिश्वत में कैसे और किसे दी गई ? क्या विदेशी कंपनी द्वारा 8,546 करोड़ की तथाकथित रिश्वत की दी गई रकम अपने आप में राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ और समझौता नहीं ? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप क्यों हैं ? क्या वह अमेरिका के राष्ट्रपति से अमेजन कंपनी के खिलाफ तथाकथित रिश्वत घोटाले में अपराधिक जांच की मांग करेंगे ? क्या देश में इस तथाकथित रिश्वत घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से नहीं करवाई जानी चाहिए ?
25,000 किलो हेरोइन ड्रग्स कहां गए ?
अडानी मुंद्रा पोर्ट पर 3,000 किलो हेरोइन ड्रग्स कीमत 21,000 रुपए- पकड़े जाने के बाद अब दुनिया का सबसे बड़ा हेरोइन ड्रग्स मामला सामने आया है। आज के सामाचार पत्रों के मुताबिक अडानी मुंद्रा पोर्ट गुजरात से जून, 2021 में भी इसी प्रकार का 25 टन, यानि 25,000 किलो हेरोइन ड्रग्स ‘सेमीकट टेलकम पाउडर ब्लॉक्स’ के नाम पर आए थे। वह भी आंध्रप्रदेश की इसी तथाकथित कंपनी के नाम आए थे, जिन द्वारा 3,000 किलो हेरोइन ड्रग्स सेमीकट टेलकम पाउडर के नाम से पकड़े गए हैं। इन 25,000 किलो हेरोइन ड्रग्स की कीमत, 1,75,000 करोड़ रुपए है।
दिल्ली पुलिस ने 125 किलो हेरोइन पकड़ी थी
हेरोइन ड्रग्स की यह खेप पकड़ी ही नहीं गई और अब बाजार में हिंदुस्तान के नौजवानों को नशे की आग में झोंक रही है। यह भी याद रहे कि जुलाई, 2021 में भी दिल्ली पुलिस ने भी 354 किलो हेरोइन की 2,500 करोड़ रुपए लागत की ड्रग्स रिकवर की थी। मई महीने में भी दिल्ली पुलिस ने 125 किलो हेरोइन पकड़ी थी।
सरकार की नाक के नीचे फल-फूल रहा है
सवाल ये है कि देश में कौन मगरमच्छ है जो 21,000 करोड़ और 1,75,000 करोड़ रुपए की दुनिया की सबेस अधिक हेरोइन ड्रग्स मंगवा रहा है। जिस आशी ट्रेडर्स के आयात-निर्यात के लाइसेंस पर यह माल मंगाया जा रहा है, वह तो तथाकथित तौर से छोटे-मोटे कमीशन एजेंट्स बताए जा रहे हैं। साफ है कि एक बहुत बड़ा ड्रग माफिया सरकार की नाक के नीचे फल-फूल रहा है।
तारिक ने कहा क्या प्रधानमंत्री जवाब देंगे ?
तस्करी के 1,75,000 करोड़ के 25,000 किलो हेरोइन ड्रग्स कहां गए ? नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, डीआरआई, ईडी, सीबीआई, आईबी, क्या सोए पड़े हैं या फिर उन्हें मोदी जी के विपक्षियों से बदला लेने से फुर्सत नहीं ? क्या यह सीधे-सीधे देश के युवाओं को नशे में धकेलने का षड़यंत्र नहीं ? क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं ? क्योंकि यह सारे ड्रग्स के तार तालिबान और अफगानिस्तान से जुड़े हैं क्या ड्रग माफिया को सरकार में बैठे किसी सफेदपोश का और सरकारी एजेंसियों का संरक्षण प्राप्त नहीं है ? अडानी मुंद्रा पोर्ट की जांच क्यों नहीं की गई ? क्या प्रधानमंत्री और सरकार देश की सुरक्षा में फेल नहीं हो गए हैं ? क्या ऐसे में पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज का कमीशन बना जांच नहीं होनी चाहिए ?