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    रांची. झारखंड उच्च न्यायालय (Jharkhand High Court) ने चारा घोटाले (Fodder Scam) से जुड़े दुमका कोषागार गबन मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) की जमानत याचिका (Bail Plea) शुक्रवार को इस आधार पर खारिज कर दी कि उन्होंने इस मामले में उन्हें मिली सजा की आधी अवधि अभी पूरी नहीं की है। न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने आज लगभग ढाई घंटे तक चली लंबी सुनवाई के बाद लालू प्रसाद की जमानत याचिका खारिज कर दी।

    लालू की ओर से दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्ब्ल ने दावा किया कि लालू ने दुमका कोषागार गबन मामले में मिली सजा की आधी अवधि (42 माह से अधिक) पूरी कर ली है, लिहाजा उन्हें इस मामले में जमानत दी जानी चाहिए। वहीं, सीबीआई ने इसका विरोध किया और कहा कि लालू ने इस मामले में अब तक सिर्फ 37 माह 19 दिन की सजा पूरी की है, अतः उन्हें अभी जमानत नहीं दी जा सकती।

    न्यायालय ने दोनों पक्षों से उनके दावों के संबंध में कागजात मांगे और उनके द्वारा पेश कागजात के आधार पर दुमका मामले में लालू की न्यायिक हिरासत की कुल अवधि चालीस माह मानी और जमानत याचिका को खारिज कर दिया। रांची में लालू के स्थानीय अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इस मामले में लालू उच्चतम न्यायालय में अपील में नहीं जाएंगे।

    उल्लेखनीय है कि लालू को सीबीआई की विशेष अदालत ने दुमका कोषागार गबन मामले में चौदह वर्ष कैद की सजा सुनाई थी। इसमें भारतीय दंड संहिता से जुड़ी धाराओं के तहत सात वर्ष की और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत अलग से सात साल की कैद की सजा सुनाई गई थी।

    लालू की ओर से आधी सजा पूरी करने और बीमारी का हवाला देते हुए झारखंड उच्च न्यायालय से जमानत की गुहार लगाई गई थी। लालू को अब तक चारा घोटाले से जुड़े चार विभिन्न मामलों में सजा मिल चुकी है जिनमें से तीन मामलों में उन्हें उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है। (एजेंसी)