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इंफाल. मणिपुर (Manipur) में मैतेई समुदाय के छात्रों के अपहरण और हत्या के मामले में सीबीआई (CBI) और मणिपुर पुलिस (Manipur Police) ने रविवार को मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (CM N Biren Singh) ने दोषियों के लिए मौत की सजा समेत अधिकतम सजा सुनिश्चित करने की बात कही है।

चुराचांदपुर से 4 आरोपी गिरफ्तार

मुख्यमंत्री ने कहा, “आज एक बड़ी सफलता में हमने राज्य में दो युवाओं के अपहरण और हत्या के लिए जिम्मेदार मुख्य अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीबीआई के विशेष निदेशक को कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मणिपुर भेजा था और आज भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों, असम राइफल्स और राज्य पुलिस के सहयोग से हमने इस मामले में चुराचांदपुर से 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। मैं एनआईए, सीबीआई और सभी केंद्रीय बलों को धन्यवाद देना चाहता हूं।”

कानून के लंबे हाथों से नहीं बच सकता अपराधी

इससे पहले मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर कहा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि फिजाम हेमनजीत और हिजाम लिनथोइंगंबी के अपहरण और हत्या के लिए जिम्मेदार कुछ मुख्य आरोपियों को आज चुराचांदपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है।” उन्होंने कहा, “जैसा कि कहा जाता है, कोई अपराध करने के बाद भाग सकता है, लेकिन कानून के लंबे हाथों से नहीं बच सकता। हम उनके द्वारा किए गए जघन्य अपराध के लिए मृत्युदंड सहित अधिकतम सजा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

26-27 सितंबर को हुआ हिंसक विरोध प्रदर्शन

गौरतलब है कि एक युवक और एक युवती छह जुलाई को लापता हो गए थे। उनके शवों की तस्वीरें 25 सितंबर को सामने आईं। इसके बाद, 26 और 27 सितंबर को छात्रों के हिंसक विरोध प्रदर्शन ने राज्य की राजधानी को हिलाकर रख दिया। उग्र भीड़ ने 28 सितंबर की रात को मुख्यमंत्री के पैतृक घर पर हमला करने की कोशिश की थी, जिसे सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया था। उग्र भीड़ ने मणिपुर भाजपा अध्यक्ष ए शारदा देवी के घर पर जमकर पथराव किया जिसमें उनकी बहन समेत दो लोगों को चोट लग गई।

मणिपुर में हिंसक घटनाओं में 180 की मौत

उल्लेखनीय है कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च के बाद तीन मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़क गई थी। हिंसा की घटनाओं में अब तक 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की आबादी लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी आदिवासियों की आबादी करीब 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)