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    पटना: बिहार सरकार ने “शांति और शांति बनाए रखने” के लिए सारण जिले में 8 फरवरी के 2300 घंटे तक 23 सोशल नेटवर्किंग और मैसेजिंग एप्लिकेशन पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया है।  सरकार ने व्हाट्सएप, ट्विटर, फेसबुक सेवाओं जैसे सोशल मीडिया ऐप को 8 फरवरी तक के लिए निलंबित कर दिया गया है।

    पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सारण जिला प्रशासन ने शहर के मांझी प्रखंड में अवैध जमावड़े और रैलियों को रोकने के लिए रविवार से दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी। 

    आदेश के अनुसार, राज्य सरकार ने WeChat, QQ, Qzone, Tumblr, Google+, Baidu, Viber, Line, Pinterest, Telegram, Reddit, Snaptish, YouTube (upload), Vine, Xanga, Buaanet, Flickr  जैसे बड़े पैमाने पर संदेश भेजने के लिए नेटवर्किंग साइटें और अन्य सोशल मीडिया पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने उन सभी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिनसे एक साथ कई मैसेज भेजे जा सकते थे।

    सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की संभावना 

    आदेश में आगे कहा गया, “यह आशंका है कि सारण जिले में कुछ असामाजिक तत्व इंटरनेट का उपयोग सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए कर सकते हैं। ऐसा महसूस किया गया है कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स और इंस्टेंट मैसेजिंग सेवाओं का दुरुपयोग होने की संभावना है। इसलिए इन पर अस्थाई तौर पर बैन लगाया जा रहा है।”

    क्या है मामला?

    उल्लेखनीय है कि, छपरा में एक मॉब लिंचिंग हुई है, जिसमें एक युवक की मौत हो गई है। यह घटना सारण के मांझी थाना क्षेत्र के मुबारकपुर गांव की है। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया था। बताया जा रहा है कि, मुबारकपुर पंचायत की मुखिया आरती यादव के पति विजय यादव ने अपने गुंडों के साथ मिलकर राजपूत समुदाय के तीन लोगों की पिटाई कर दी। जिसमें से एक युवक की मौत हो गई, जबकि दो अन्य की हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं, बताया यह भी जा रहा है कि, घटना के बाद से फरार विजय यादव ने आरोप लगाया है कि, मृतक अमितेश व अन्य लोग मोटरसाइकिल पर आए और उन पर फायरिंग की, लेकिन वह भागने में सफल रहे।