The dilapidated Dr. Zakir Hussain Park was renovated in 75 hours

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    ओमप्रकाश मिश्र 

    रांची. शहर के बीचो-बीच स्थित डॉ. जाकिर हुसैन पार्क (Dr. Zakir Hussain Park) में अब फिर से बच्चों की खिलखिलाहट गूंजने लगी है। तरह-तरह के रंग बिरंगे झूलों पर उन्हें झूलने का मौका मिल रहा है। पार्क में बच्चों के साथ पहुंचने वाले अभिभावकों के चेहरे पर भी मुस्कान बिखरने लगी  है। बच्चों और उनके अभिभावकों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए रांची जिला प्रशासन (Ranchi District Administration) और नगर निगम (Municipal Corporation) की टीम ने दिन रात मेहनत की। सिर्फ 75 घंटे में ही डॉ. जाकिर हुसैन पार्क का नवीकरण का काम किया गया है। नवीकरण के बाद यह पार्क शहरवासियों के लिए खोल दिया गया है। 

    हाल ही में मुख्यमंत्री  हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को राजधानी शहर के सौंदर्यीकरण और पार्कों के उचित देखभाल का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद नगर प्राधिकरण निदेशालय, झारखंड के तहत रांची नगर निगम ने शहर के लोगों के लिए स्वच्छ वातावरण बनाने की कई योजनाएं शुरू की है। इसके तहत ‘रमनीक रांची’ नामक एक समर्पित योजना भी शुरू की गई है। 

    खराब थी पार्क की स्थिति 

    डॉ. जाकिर हुसैन पार्क की स्थिति बेहद  खराब थी। पिछले आठ वर्ष से पार्क बंद पड़ा था और देखभाल के अभाव में जहां-तहां घनी झाड़ियां उग आई थीं। पार्क में लगे झूले खराब हो चुके थे। गेट में भी जंग लगा हुआ था और जहां तहां गंदगी का अंबार था। लोगों को याद भी नहीं रहा था कि वहां कोई पार्क भी था। लेकिन, नगर निगम की टीम ने दिन – रात मेहनत कर झाड़ियों और गंदगी को साफ किया। पार्क में लगे झूलों को दुरुस्त किया गया। नये झूले भी लगाये गए हैं। पार्क में रोशनी की बेहतरीन व्यवस्था की गई है और रात में भी वह जगमगा रहा है। रंग-रोगन और नये स्वरूप में पार्क जनता को समर्पित किया जा चुका है। यह पार्क जनता के लिए है और जनसहयोग से ही यह आगे भी उपयोग में लाया जायेगा।

    लोगों की जिंदगी में एक ठहराव सा आ गया था

    गौरतलब है कि कोरोना की वजह से पौने दो साल से लोगों की जिंदगी में एक ठहराव सा आ गया था। कहीं भी आना-जाना बंद था और लोग  एक तनाव भरी जिंदगी जी रहे थें। पर, अब डॉ.जाकिर हुसैन पार्क का फिर से खुलना और उसमें लोगों की खिलखिलाहट यह बता रही है कि जिंदगी अब धीरे-धीरे फिर से सामान्य हो रही है। पार्क को सुव्यवस्थित स्थिति में लाना एक कठिन लक्ष्य था, लेकिन समय सीमा के भीतर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक मिशन मोड पर काम किया गया । नगर निगम के  सफाई कर्मचारियों एवं अन्य लोगों के संयुक्त प्रयास से इस काम को अंजाम दिया गया ।