CM Mamata Banerjee
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कोलकाता. द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) के ‘सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए’ वाली टिप्पणी को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने सोमवार को कहा कि किसी को भी ऐसे मामले में शामिल नहीं होना चाहिए, जिससे लोगों को ठेस पहुंच सकती हो।

बनर्जी ने कहा, “मैं तमिलनाडु और दक्षिण भारत के लोगों का बहुत सम्मान करती हूं, लेकिन मेरा विनम्र अनुरोध है कि सभी का सम्मान करें, क्योंकि हर धर्म की अलग-अलग भावनाएं होती हैं। भारत एक धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक देश है। भारत अनेकता में एकता का देश है।”

बनर्जी ने स्टालिन की टिप्पणी के बारे में कहा, “उन्हें उतना अनुभव नहीं है और उन्हें इस बारे में संभवत: पता नहीं होगा।” उन्होंने कहा, “मुझे यह नहीं पता कि उन्होंने ये टिप्पणियां क्यों और किस आधार पर कीं। मुझे लगता है कि हर धर्म का समान रूप से सम्मान किया जाना चाहिए। मैं सनातन धर्म का सम्मान करती हूं।”

बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार पुजारियों को पेंशन देती है। उन्होंने कहा, “हमारे देश में कई मंदिर हैं। हम मंदिरों, मस्जिदों और गिरजाघरों में जाते हैं। हमें ऐसे किसी भी मामले में शामिल नहीं होना चाहिए जिससे किसी वर्ग के लोगों को ठेस पहुंचे।”

 

गौरतलब है कि उदयनिधि स्टालिन ने चेन्नई में तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स आर्टिस्ट एसोसिएशन के सनातन उन्मूलन सम्मेलन में कहा, “कुछ चीजें हैं जिनका हमें उन्मूलन करना है और हम केवल विरोध नहीं कर सकते। मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना, ये सभी चीजें हैं जिनका हम विरोध नहीं कर सकते, हमें इन्हें मिटाना है। सनातन भी ऐसा ही है।” उन्होंने कहा, “सनातन को खत्म करना और उसका विरोध न करना हमारा पहला काम होना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “सनातन क्या है? सनातन नाम संस्कृत से आया है। सनातन समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है। सनातन का अर्थ ‘स्थायित्व’ के अलावा और कुछ नहीं है, जिसे बदला नहीं जा सकता। कोई भी सवाल नहीं उठा सकता। सनातन का यही अर्थ है।”