लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta party) ने रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटों पर हुए उप चुनाव में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को बड़ा झटका दिया है। दोनों सीटों पर भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की है। रामपुर से जहां घनश्याम लोधी ने आजम खान (Azam Khan) के करीबी असीम रजा को हराया, वहीं आजमगढ़ में दिनेश लाल यादव (Dinesh Lal Yadav) ने अखिलेश के छोटे भाई धर्मेंद्र यादव (Dharmendra yadav) पर बढ़त बनाएं को परिजित किया है। उपचुनाव में मिली इस जीत से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद गदगद है। जीत के बाद रविवार को आयोजित प्रेस वार्ता में योगी ने इसे सुशासन की जीत बताई है। इसी के साथ 2024 के चुनाव में राज्य की 80 सीटों पर जीतने का दावा किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ” उपचुनावों में जीत ने 2024 के आम चुनावों को लेकर एक आशावादी संदेश दिया है। लोगों ने पीएम मोदी के तहत डबल इंजन वाली सरकार में अपना भरोसा दिखाया है। लोगों ने ‘परिवारवादियों’, जातिवादी और सांप्रदायिक तत्वों को एक स्पष्ट संदेश दिया है।”
Victory in by-polls have sent an optimistic message regarding 2024 general elections. People have shown their trust in double-engine govt under PM Modi. People have given a clear message to 'parivarvadis', casteist & communalist elements: UP CM Yogi Adityanath pic.twitter.com/8g1m6nLROo
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 26, 2022
42 हजार वोटों से जीते घनश्याम लोधी
रामपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने बड़ी जीत हासिल की है। लोधी ने सपा के कद्दावर नेता आजम खान के करीबी आसिम रजा को 42,192 वोटों से हराया। रामपुर को आजम का गढ़ कहा जाता रहा है, 2019 के चुनाव में उन्होंने दो लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी।
अभिनेता से नेता बने निरहुआ
आजमगढ़ में भोजपुरी स्टार दिनेश लाल निरहुआ ने 8,679 वोटों से अपना चुनाव जीत। उन्होंने समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव को हराया। आजमगढ़ को मुलायम सिंह यादव परिवार का गढ़ माना जाता रहा है, मोदी लहर में भी इस सीट पर सपा ने जीत हासिल की थी। 2014 में जहां मुलायम यहां से सांसद थे, वहीं 2019 में अखिलेश निरहुआ को हराकर लोकसभा पहुंचे थे।
धर्मेंद्र यादव ने हार की स्वीकार
उपचुनाव में हार स्वीकार करते हुए धर्मेंद्र यादव ने कहा, “हमने 12-14 दिनों के भीतर चुनाव लड़ा और लोगों का समर्थन मिला। मैं राज्य प्रशासन और भाजपा-बसपा गठबंधन के कारण हार गया जो राष्ट्रपति चुनावों में भी स्पष्ट है। 2024 में आजमगढ़ की जनता फिर से समाजवादी को जीत दिलाएगी।”