बुंदेलखंड को दूषित पानी से होने वाली बीमारियों से मिलेगी निजात, स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित होगी ‘हर घर नल योजना’

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    लखनऊ: गोरखपुर और आसपास के क्षेत्र को जापानी इंसेफलाइटिस से निजात दिलाने के बाद योगी सरकार अब बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के लोगों को डायरिया, पीलिया, हैजा और पेट से संबंधित बीमारी (Disease) से निजात दिलाने जा रही है। सरकार हर घर नल योजना के तहत गांव-गांव के घर-घर तक नल से शुद्ध पानी पहुंचाने में जुटी हुई है। इसका सबसे बड़ा लाभ यहां के लोगों बीमारियों से छुटकारे के रूप में मिलेगा। चिकित्सा विशेषज्ञ भी इस बात को मान रहे हैं कि पेट संबंधी 60 प्रतिशत बीमारियों से निजात मिलेगी। शुद्ध पानी के लिए सालों से इंतजार कर रहे बुंदेलखंड (Bundelkhand) के गांव-गांव के लोगों के लिए हर घर नल योजना (Har Ghar Nal Yojana) वरदान साबित होगी।

    यूपी मेडिकल काउंसिल (UP Medical Council) के सदस्य और आईएमए लखनऊ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. पी.के. गुप्ता बताते हैं कि जैसे ही बुंदेलखंड में हर घर को नल से शुद्ध पानी मिलना शुरू होगा, वैसे ही यहां हर साल फैलने वाले चर्म रोग, पेट संबंधी रोग, पीलिया, हैजा, टाइफाइड जैसी बीमारियां कम होने लगेंगी। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन की योजना लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगी। गांवों में स्वस्थ जीवन से खुशहाली आएगी। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार ने जैसे गोरखपुर और आसपास के इलाकों में साफ पानी की उपलब्धता और स्वच्छता से बच्चों में हर साल फैलने वाली महामारी जापानी इंसेफलाइटिस पर नियंत्रण हासिल किया है। ठीक वैसे ही बुंदेलखंड में हर साल दूषित पेयजल से होने वाली बीमारियां भी नियंत्रित होंगी। 

    कुपोषित महिलाओं और बच्चों की सेहत में आएगा सुधार

    इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ के ज्वाइंट सेक्रेट्री डॉ. प्रांजल अग्रवाल का कहना है कि भारत सरकार की जल जीवन मिशन योजना बुंदेलखंड में कुपोषण की शिकार महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाएगी। उन्होंने बताया कि पानी मनुष्य के शरीर की बड़ी जरूरत है, इसलिए अगर पीने का पानी शुद्ध मिलेगा तो बहुत हद तक पेट से संबंधित रोगों पर विराम लगेगा और महिलाओं और बच्चों में कुपोषण भी कम हो जाएगा। 

    सरकार की योजना से स्वस्थ बनेगा बुंदेलखंड का हर नागरिक

    बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पानी की कमी से हर साल डायरिया का प्रकोप रहता था। उल्टी-दस्त से पीड़ित किसानों को अस्पतालों में भर्ती होना पड़ता था। नदियों का पानी भी पीने योग्य नहीं बचा था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपनी एक रिपोर्ट में इसका उल्लेख भी कर चुकी है। उसने नदियों के पानी के इस्तेमाल से किडनी और पेट संबंधी बीमारी होने की आशंका जताई थी। ऐसे में जल जीवन मिशन योजना ग्रामीण क्षेत्रों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी। खासकर उन इलाकों में सबसे अधिक फायदा होगा, जहां लोग गंदे पानी का इस्तेमाल करते थे और बीमारियों से पीड़ित रहा करते थे। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत पिछले 2 सालों में 43 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति कराई है। प्रधानमंत्री जल जीवन योजना काफी हद तक सफल रही है। इस योजना पर पीएम नरेन्द्र मोदी की नज़र हमेशा से रही है ताकि लोगों को जल की समस्या से छुटकारा मिल सके।

    हर घर नल योजना के जरिए सरकार ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराकर बीमारियों से निजात दिलाने के साथ ही बुंदेलखंड जैसे इलाके में विकास और रोजगार बढ़ाने पर भी काम कर रही है। पूरी टीम युद्ध स्तर पर काम कर रही है। कई इलाकों में वाटर सप्लाई का ट्रायल रन चल रहा है। चंद रोज में हम पूरी तरह से वाटर सप्लाई की शुरुआत कर सकेंगे।

    -अनुराग श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग