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लखनऊ: माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को बीते गुरूवार को तबीयत बिगड़ने के बाद जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। इधर समाजवादी पार्टी (सपा) ने अंसारी के निधन को दुखद बताया है। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी अंसारी के निधन पर दुख जताया है।

वहीं मिली खबरों के अनुसार मुख्तार अंसारी को आज ही सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। आज गाजीपुर के मोहम्मदाबाद के कालीबाग कब्रिस्तान में मुख्तार अंसारी को दफनाया जाएगा। इस बाबत राज्य के DIG और जिला DM और SP ने कब्रिस्तान का निरीक्षण किया है। फिलहाल मुख्तार अंसारी का शव एंबुलेंस से पोस्टमार्टम हाउस लाया गया है। जहां अब से कुछ देर बाद यानी सुबह 9 बजे परिजनों की उपस्थिति शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। 2 डॉक्टरों की टीम आज पोस्टमार्टम करेगी। प्रयागराज और कानपुर से अन्य डाक्टरों की टीम बुलाई गई है। इसके साथ ही खबर है कि, मुख्तार अंसारी की मौत की मजिस्ट्रियल जांच तीन सदस्यीय टीम करेगी।

इधर मुख्तार अंसारी की मौत पर अब उसके बेटे उमर अंसारी का बयान सामने आया है। उमर ने इस मामले पर कहा कि, मुझे प्रशासन की तरफ से कुछ नहीं बताया गया, मुझे मीडिया के जरिए इसकी जानकारी हुई। दो दिन पहले मैं उनसे मिलने आया था, लेकिन मुझे नहीं मिलने दिया गया। हमने पहले भी कहा था और आज भी कह रहे हैं कि उन्हें धीमा जहर दिया गया। उमर ने कहा कि उन्हें 19 मार्च को डिनर में जहर दिया गया था। हम न्यायपालिका का रुख करेंगे, हमें उस पर पूरा भरोसा है।

हालांकि, रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज की ओर से देर रात जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है, ”आज रात लगभग 8:25 बजे जेल कर्मी बेहोशी की हालत में दोषी/विचाराधीन कैदी मुख्तार अंसारी को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज बांदा के आकस्मिक विभाग में लाए। नौ चिकित्सकों की टीम ने मरीज को तत्काल चिकित्सा प्रदान की। लेकिन भरसक प्रयासों के बावजूद दिल का दौरा पड़ने से मरीज की मौत हो गई।”

मुख़्तार अंसारी मऊ सदर सीट से पांच बार विधायक रहा और 2005 से उत्तर प्रदेश व पंजाब में जेल में बंद था। उत्तर प्रदेश की विभिन्न अदालतें सितंबर 2022 से उसे 8 मामलों में सजा सुना चुकी हैं और वह बांदा जेल में बंद था। अंसारी का नाम पिछले साल उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जारी 66 गैंगस्टरों की सूची में था। उसके खिलाफ हत्या से लेकर जबरन वसूली तक के 65 मामले दर्ज थे। इसके बावजूद भी वह अलग अलग राजनीतिक दलों के टिकट पर पांच बार विधायक चुना गया। उसकी मौत के साथ ही उत्तरप्रदेश में अपराध के एक युग का आखिरकार अंत हो गया।