UP Excise Department
Representative Pic

    Loading

    – राजेश मिश्र

    लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में शराब (Liquor) की विक्री में इजाफे के साथ ही सरकारी खजाने (Government Treasury) में पहुंचने वाला आबकारी राजस्व (Excise Revenue) भी खासा बढ़ा है। यूपी में चुनावी साल में भी जमकर शराब की विक्री हुई और सरकार की कमाई में खासी बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदेश में वित्त वर्ष 2021-22 में शराब की विक्री ने रिकॉर्ड बनाते हुए कमाई के मामले में 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है।

    आबकारी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021-22 में आबकारी विभाग की रिकॉर्ड कमाई करते हुए उत्पाद शुल्क के रुप में सरकारी खजाने में 36208.44 करोड़ रुपये जमा किए हैं। वहीं वित्त वर्ष 2020-21 में प्रदेश में शराब की विक्री से कुल 30061.44 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। इस तरह से बीते एक साल में ही प्रदेश में 6147 करोड़ रुपये की ज्यादा कमाई शराब की विक्री से हुई है।

    जनवरी के महीने में सरकारी खजाने में आबकारी राजस्व की हिस्सेदारी 3471.41 करोड़ रुपये रही

    आबकारी विभाग के मुताबिक बीते वित्त वर्ष में भी सबसे ज्यादा शराब की विक्री चुनावों का एलान होने के बाद जनवरी और फरवरी में हुई है। अकेले जनवरी के महीने में सरकारी खजाने में आबकारी राजस्व की हिस्सेदारी 3471.41 करोड़ रुपये रही है। इसी साल फरवरी में देशी, अंग्रेजी शराब और बीयर की विक्री में खासा इजाफा देखने को मिला था। फरवरी के महीने में देशी शराब की विक्री 13 फीसदी, अंग्रेजी की 18 तो बीयर की विक्री में 58.6 फीसदी का इजाफा देखने को मिला। जनवरी और फरवरी 2022 में आबकारी विभाग ने लक्ष्य से करीब 114.9 फीसदी ज्यादा राजस्व हासिल किया है।

    प्रदेश में 2076 नई शराब की दुकानों को लाइसेंस दिया गया 

    कोविड प्रतिबंधों में ढील देने के बाद जनवरी फरवरी के महीनों में शराब की दुकानों के खुलने के समय को एक घंटा का बढ़ाया गया था आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बीते पांच सालों में प्रदेश में नई शराब की दुकाने खालने की अनुमति दी गई है। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में 2017-18 के बाद से अब तक प्रदेश में 2076 नई शराब की दुकानों को लाइसेंस दिया गया है। हालांकि इससे पहले पांच सरकार के अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल में 2566 नई तो उससे भी पहले मायावती के पांच सालों की सरकार के दौराना 3621 नई शराब की दुकानें खोलने के लाइसेंस दिए गए थे।

    आबकारी राजस्व के सालाना राजस्व के लक्ष्य में कमी नहीं 

    गौरतलब है कि बीते पांच सालों के योगी सरकार के कार्यकाल में आबकारी राजस्व से होने वाली कमाई में 258 फीसदी के लगभग बढ़ोत्तरी हुई है। कोविड की पहली लहर में शराब की दुकानों की डेढ़ महीने तक चली बंदी के बाद भी आबकारी राजस्व के सालाना राजस्व के लक्ष्य में कमी नहीं दर्ज की गई थी।