लखनऊ: पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि बिना पद के पार्टी के लिए काम करता रहूंगा। मौर्य ने अपने इस्तीफे को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को लंबा चौड़ा खत लिखा है। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था। जिसे लेकर उनका जमकर विरोध हुआ था।
सपा अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “पार्टी को ठोस जनाधार देने के लिए जनवरी-फरवरी 2023 में मैंने आपके पास सुझाव रखा कि जातिवार जनगणना कराने, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ो के आरक्षण को बचाने, बेरोजगारी व बढ़ी हुई महंगाई, किसानों की समस्याओं व लाभकारी मूल्य दिलाने, लोकतंत्र व संविधान को बचाने, देश की राष्ट्रीय संपत्तियों को निजी हाथ में बेचे जाने के विरोध में प्रदेश व्यापी भ्रमण कार्यक्रम हेतु रथ यात्रा निकालने का प्रस्ताव रखा था, जिस पर आपने सहमति देते हुए कहा था “होली के बाद इस यात्रा को निकाला जायेगा” आश्वासन के बाद भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया। नेतृत्व की मंशा के अनुरूप मैंने पुनः कहना उचित नहीं समझा।”
संज्ञानार्थ,@yadavakhilesh@samajwadiparty pic.twitter.com/SYPBhEvhe8
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 13, 2024
उन्होंने आगे लिखा, “पार्टी का जनाधार बढ़ाने का क्रम मैंने अपने तौर-तरीके से जारी रखा, इसी क्रम में मैंने आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को जो जाने-अनजाने भाजपा के मकड़जाल में फंसकर भाजपा मय हो गए थे उनके सम्मान व स्वाभिमान को जगाकर व सावधान कर वापस लाने की कोशिश की तो पार्टी के ही कुछ छुटभईये व कुछ बड़े नेता “मौर्य जी का निजी बयान है” कहकर इस धार को कुंठित करने की कोशिश की, मैंने अन्यथा नहीं लिया। मैंने ढोंग-ढकोसला, पाखंड व आडंबर पर प्रहार किया तो भी यही लोग फिर इसी प्रकार की बात कहते नजर आये, हमें इसका भी मलाल नहीं, क्योंकि मैं तो भारतीय संविधान के निर्देश के क्रम में लोगों को वैज्ञानिक सोच के साथ खड़ा कर लोगों को सपा से जोड़ने की अभियान में लगा रहा, यहाँ तक कि इसी अभियान के दौरान, मुझे गोली मारने, हत्या कर देने, तलवार से सिर कलम करने, जीभ काटने, नाक-कान काटने, हाथ काटने आदि-आदि लगभग दो दर्जन धमकियाँ व हत्या के लिए 51 करोड़, 51 लाख, 21 लाख, 11 लाख, 10 लाख आदि भिन्न-भिन्न रकम देने की सुपारी भी दी गई, अनेको बार जानलेवा हमले भी हुए, यह बात दीगर है कि प्रत्येक बार में बाल-बाल बचता चला गया। उल्टे सत्ताधारियों द्वारा मेरे खिलाफ अनेको एफआईआर भी दर्ज कराई गई किंतु अपनी सुरक्षा की बिना चिंता किये हुए मैं अपने अभियान में निरंतर चलता रहा।”