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-राजेश मिश्र

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में इस साल गर्मी में हुई बिजली की किल्लत (Power Shortage in UP) को देखते हुए योगी सरकार (Yogi Govt.) ने इससे निपटने की व्यापक स्तर पर तैयारी शुरु की है। उत्तर प्रदेश सरकार नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) की मदद से 1,600 मेगावाट का बिजली घर लगाएगी। प्रदेश का ऊर्जांचल कहे जाने वाले सोनभद्र जिले के ओबरा में लगने वाले इस बिजली घर की परियोजना पर 17,985 करोड़ रुपए खर्च होंगे। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठक में ओबरा में बिजली घर लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।

मंत्रिपरिषद के फैसलों की जानकारी देते हुए प्रदेश के नगर विकास और ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने बताया कि हाल के दिनों में बिजली की खपत में ऐतिहासिक वृद्धि देखी गयी है, जो आने वाले सालों में और भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इसी साल फरवरी में हुए वैश्विक निवेशक सम्मेलन में एनटीपीसी के साथ बिजली उत्पादन इकाई लगाने को लेकर करार हुआ था। 

यूपी का पहला अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट 

करार के तहत ओबरा में 800 मेगावाट की दो ताप बिजली इकाईयां लगायी जाएंगी। परियोजना को ओबरा-ई के नाम से जाना जाएगा और इसमें एनटीपीसी और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम की 50-50 फीसदी की हिस्सेदारी होगी। परियोजना की कुल लागत का 70 फीसीदी वित्तीय संस्थानों से वित्त पोषण के जरिए प्राप्त होगा, जबकि 30 फीसदी लागत का आधा राज्य सरकार और शेष एनटीपीसी वहन करेगी। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि इस परियोजना की पहली इकाई को 50 महीने और दूसरी को 56 महीने में पूरा किया जाएगा और यहां से होने वाले बिजली उत्पादन का सौ फीसदी उत्तर प्रदेश को मिलेगा। ओबरा-ई परियोजना के उत्तर प्रदेश को 4.79 रुपए प्रति यूनिट बिजली मिलेगी। यह उत्तर प्रदेश का पहला अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट होगा।

विंध्यवासिनी देवी मंदिर में भी कॉरिडोर बनाए जाने की मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को काशी विश्वनाथ की तर्ज पर मिर्जापुर जिले में विंध्यवासिनी देवी मंदिर में भी कॉरिडोर बनाए जाने की परियोजना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उक्त परियोजना के तहत कॉरिडोर से लगे चार प्रमुख मार्गों से संबंधित आवश्यक भूमि की खरीद के लिए 33.70 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। एक अन्य फैसले में मंत्रिपरिषद ने चित्रकूट जिले में रानीपुर टाइगर रिजर्व, मारकुंडी निरीक्षण गृह और उसके आसपास के स्थानों पर चिन्हित भूमि को पर्यटन विकास परियोजना के निर्माण के लिए पर्यटन विभाग को निःशुल्क हस्तान्तरण का प्रस्ताव को मंजूर किया है। इसके तहत चित्रकूट जिले के तहसील मानिकपुर के क्षेत्रान्तर्गत रानीपुर टाइगर रिजर्व मारकुण्डी निरीक्षण गृह और उसके आस-पास स्थानों पर पर्यटन विकास के कार्यों के लिए लैण्ड बैंक के लिए चिन्हांकित भूमि, जिसका कुल रकबा 49.364 हेक्टेयर है को पर्यटन विभाग को दिया जाएगा। 

कई प्रस्ताव को दी गई मंजूरी

वर्तमान में उत्तर प्रदेश में दुधवा, पीलीभीत और अमनगढ़ के बाद यह राज्य का चौथा टाइगर रिजर्व बनाया जा रहा है। रानीपुर टाइगर रिजर्व अधिसूचित होने के बाद भारत सरकार के प्रोजेक्ट टाइगर का हिस्सा हो गया है। इस योजना में भारत सरकार और राज्य सरकार से बराबर की धनराशि प्राप्त होगी। मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के रामपुर जिले के शाहाबाद से उत्तराखंड के जिम कार्बेट पार्क के बाजपुर तक जाने वाले राजमार्ग के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण की 205 करोड़ रुपए की परियोजना को मंजूरी दे दी है। हाथरस जिले में 184.94 करोड़ रुपए की लागत से कारागार के निर्माण और राजधानी लखनऊ में निजी क्षेत्र के टीएस मिश्रा विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रस्ताव को भी हरी झंड़ी दे दी गयी है।