Road accident in Bundi Rajasthan four people died in same family
प्रतीकात्मक फोटो

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हाथरस: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस (Hathras:) में शुक्रवार की देर रात दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। एक ट्रैक्टर-ट्राली और कैंटर में जोरदार भिड़िंत हो गई। इस टक्कर में पांच लोग घायल हो गए। 12 से ज्यादा लोग इस हादसे में घायल हो गए। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

ट्रैक्टर-ट्राली से मथुरा- व‍ृदावन जा रहे
यह हादसा हाथरस के सहपऊ थाना क्षेत्र (Sahapau police station)  के अंतरगत हुआ। एटा जिले के थाना सकरौली क्षेत्र के गांव गढ़िया मौजपुर से ग्रामीण कल रात ट्रैक्टर-ट्राली से मथुरा- व‍ृदावन परिक्रमा करने जा रहे थे। जैसे ही श्रद्धालु सादाबाद- जेलसार रोड पर सहपऊ क्षेत्र में नलगा ब्राह्मण के पास रोड पर पहुंचे वहां उनका एक्सीडेंट हो गया। ट्रैक्टर-ट्राली पर सवार ग्रामीणों के साथ आगरा और फिरोजाबाद से रिश्तेदार भी सवार थे।

ट्रैक्टर-ट्राली पर 25 से ज्यादा लोग सवार
सादाबाद- जेलसार रोड (Sadabad-Jelsar Road) पर सादाबाद की ओर से आ रहे कैंटर ने ट्रैक्टर को टक्कर मार दी। टक्कर मारने के बाद टैंकर ड्राइवर वहां से गाड़ी लेकर फरार हो गया।  जिसके बाद ट्रैक्टर- ट्राली अनियंत्रित होकर सड़क के किनारे अपलट गई। इसमें सवार सभी इसके नीचे दब गए। ट्रैक्टर- ट्राली पर 25 से ज्यादा लोग सवार थे। 

एंबुलेंस आने में देरी पर पुलिस की गाड़ियों से घायलों को अस्पताल भिजवाया
हादसे की जानकारी होते ही कई थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई। एंबुलेंस आने में देरी होने पर पुलिस की गाड़ियों से घायलों को सीएचसी भिजवाया गया। गंभीर रुप से घायलों को यहां से अलीगढ़ और आगरा के लिए रेफर किया गया।

UP में ट्रैक्टर- ट्राली से सवारी करना बैन
यूपी के कानपुर में 1 अक्टूबर 2022 को भीषण सड़क हादसा हो गया था। जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपील करते हुए निर्देश दिया था कि ट्रैक्टर- ट्राली का इस्तेमाल सिर्फ कृषि कार्यों कार्यों के लिए किया जाए। ट्रैक्टर- ट्राली के जरिये आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। 

CM योगी आदित्यनाथ का आदेश नजरअंदाज
ट्रैक्टर- ट्राली के जरिये आवाजाही पर रोक लगाने के बाद भी इस पर कुछ खास असर पड़ते नहीं दिख रहा। लोग धड़ल्ले से इस पर सवारी कर रहे हैं, जिसका नतीजा हादसे के रूप में सामने आती है। पुलिस भी इस पर गौर नहीं कर रही है।  ट्रैक्टर- ट्राली पर सवार होकर श्रद्धालु जब निकले क्या किसी पुलिस वालों की नजर नहीं गई। अगर नजर गई तो यात्रा करने से रोकी क्यों नहीं ? अगर नजर नहीं गई तो क्यों नहीं गई? पुलिस प्रशासन की उदासीनता का ही देन है कि लोग खुलेआम ट्रैक्टर-ट्राली का इस्तेमाल आवाजाही के कार्यों में कर रहे हैं और हादसे का शिकार हो रहे हैं।