सीएम योगी आदित्यनाथ (Photo Credits-ANI Twitter)
सीएम योगी आदित्यनाथ (Photo Credits-ANI Twitter)

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    लखनऊ: हर विकासपरक सेक्टर के उन्नयन के लिए फोकस करने वाली योगी सरकार (Yogi Government) पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे सहकारिता क्षेत्र (Cooperative Sector) को लगातार सुदृढ़ करने पर जोर दे रही है। इसकी झलक बजट (Budget) में भी देखने को मिली है। 2022-23 के लिए राज्य के बजट में सरकार ने सहकारिता क्षेत्र को 450 करोड़ रुपए का बूस्टर डोज (Booster Dose) दिया है। 

    इसमें ब्याज अनुदान योजना के लिए 300 करोड़ रुपए और रासायनिक उर्वरकों के अग्रिम भंडारण के लिए 150 करोड़ रुपए का बजट प्रावधानित किया गया है। यह बजटीय प्रावधान किसानों को रियायती ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने और उन्हें ससमय उर्वरकों की प्राप्ति में मददगार बनेंगे। 

    किसानों को फसली ऋण बोझ नहीं लगेंगे

    यूपी के सदन में गुरुवार को योगी सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए जो बजट पेश किया, उसमें किसानों के हित को सहकारिता के जरिए भी आच्छादित किया गया है। सरकार ने सहकारी संस्थाओं के माध्यम से किसानों को रियायती दरों पर ऋण उपलब्ध कराए जाने के लिए ब्याज अनुदान (लोन सब्सिडी) योजना के लिए 300 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए गए हैं। ब्याज अनुदान के लिए प्रावधानित इस रकम से किसानों को फसली जरूरतों के लिए पर्याप्त कृषि ऋण लेने में दिक्कत नहीं आएगी। ऋण देने वाली संस्थाओं को भी फसली ऋण बोझ नहीं लगेंगे। 

    उर्वरकों के अग्रिम भंडारण के लिए 150 करोड़ रुपए की व्यवस्था 

    किसानों को फसलों की जरूरतों के मुताबिक उर्वरक समय पर मिल सके, इस पर भी योगी सरकार ने पूरा ध्यान दिया है। उर्वरक वितरण की सर्वाधिक जिम्मेदारी सहकारी संस्थाओं की होती है। समय पर उर्वरक वितरण तभी संभव है जब उर्वरक वितरित करने वाली सहकारी संस्थाओं के पास इसका पर्याप्त भंडारण रहे। सहकारी संस्थाओं से किसान बिना उर्वरक न लौटें, इसके लिए सरकार ने रासायनिक उर्वरकों के अग्रिम भंडारण के लिए 150 करोड़ रुपए की व्यवस्था बनाई है। रासायनिक उर्वरकों के अग्रिम भंडारण के लिए सरकार ने पिछले बजट में भी 150 करोड़ रुपए की व्यवस्था बनाई थी। इसके सुखद परिणाम भी देखने को मिले। किसानों को सहकारी संस्थाओं के माध्यम से समय पर और पर्याप्त उर्वरक मिले और उन्हें अनावश्यक भागदौड़ नहीं करनी पड़ी। इसके अलावा पिछले बजट में एकीकृत सहकारी विकास योजना के लिए 10 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई थी।

    सहकारी समितियों को सुदृढ़ कर रही सरकार 

    किसानों के हित में यूपी की योगी सरकार सहकारी समितियों को लगातार सुदृढ़ करने में जुटी है। साधन सहकारी समितियों के जरिए गेहूं और धान की खरीद के 72 घंटे में भुगतान किया जा रहा है। पूर्व की सरकारों में जहां औसतन 35 प्रतिशत भुगतान होता था, वहीं अब यह बढ़कर 90 फीसदी से अधिक हो गया है। समितियों की आर्थिक मजबूती के लिए भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है। ऐसी समितियां जिनके पास मार्जिन मनी की धनराशि नहीं थी, सरकार ने उन्हें भी चार लाख रुपये प्रति समिति की दर से मार्जिन मनी स्वीकृत की है। साथ ही इन समितियो के आधुनिकीकरण का खाका तैयार किया गया है। इसके मुताबिक मोबाइल एप विकसित कर सहकारी समितियों को अपग्रेड किया जाएगा।