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  • प्रदेश में नए बने आईटीआई व पॉलिटेक्निक संस्थानों के उचित संचालन पर योगी सरकार का फोकस
  • डिपार्टमेंट ऑफ वोकल एजुकेशन, यूपीवीईएसडीएंडटीई ने कौशल विकास को लक्षित कर शुरू की प्रक्रिया
  • अनुभवी एजेंसियों से रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल प्रक्रिया के जरिए मांगे गए हैं आवेदन

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रही योगी सरकार प्रदेश में विकास के सभी मानकों पर पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। ऐसे में, तकनीकी शिक्षण तंत्र की सुदृढ़ता को सुनिश्चित करते हुए योगी सरकार ने प्रदेश में नए बने आईटीआई व पॉलिटेक्निक संस्थानों के संचालन तथा प्रशिक्षुओं की ट्रेनिंग प्रणाली की प्रक्रिया विकसित करने पर फोकस किया है। इस क्रम में, सीएम योगी के विजन के अनुसार डिपार्टमेंट ऑफ वोकल एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट, आंत्रप्रेन्योरशिप व डिपार्टमेंट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (यूपीवीईएसडीएंडटीई) ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में नए बने आईटीआई व पॉलिटेक्निक संस्थानों के संचालन तथा प्रशिक्षुओं की ट्रेनिंग व कौशल विकास की प्रणाली को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने के लिए एजेंसियों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस संबंध में यूपीवीईएसडीएंडटीई की ओर से रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) माध्यम से एजेंसियों के निर्धारण के लिए आवेदन मांगे गए हैं जो कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड बेस्ड होगी। 

उचित संचालन समेत कई कार्य दायित्वों का करना होगा निर्वहन
यूपीवीईएसडीएंडटीई द्वारा चयनित एजेंसी को प्रदेश के विभिन्न नए बने आईटीआई व पॉलिटेक्निक्स में संस्थानागत बुनियादी ढांचे की सुविधाओं में इजाफा करने, ट्रेनिंग की आवश्यकताओं को देखते हुए तंत्र विकसित करने, संस्थानों की कार्यप्रणाली को मॉडर्न टेक्नोलॉजिकल अपग्रेडेशन से लैस करने तथा उचित संचालन जैसे कार्य दायित्वों का निर्वहन करना होगा। यूपीवीईएसडीएंडटीई द्वारा किए गए समझौते के तहत लागू कानूनों के प्रावधानों के अनुसार संस्थान का संचालन, रखरखाव और प्रबंधन का कार्य भी एजेंसी को पूर्ण करना होगा। इसके अतिरिक्त, एजेंसी को इन कार्यों के निर्वहन के लिए निर्धारित समयावधि के अंतर्गत कुछ प्रावधानित आर्थिक लाभ व रियायतें भी मिलेंगी। 

निर्माण व संचालन कार्यों के लिए मिलेंगी तमाम तरह की सहूलिय़तें
परियोजना के अंतर्गत जिन प्रस्तावित आईटीआई व पॉलिटेक्निक्स में वर्तमान में निर्माण कार्य जारी हैं उनमें निर्धारित परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए भी एजेंसी को तमाम तरीके की सुविधाएं दी जाएंगी। वह यह भा सुनिश्चित करेगा कि यदि कोई निर्दिष्ट उपकरण, सामग्री या कोई प्रक्रिया जो बौद्धिक संपदा कानूनों के तहत कवर/संरक्षित है, तो ऐसे उपकरणों, सामग्रियों या प्रक्रियाओं के उपयोग के लिए सभी आवश्यक अधिकार व लाइसेंस लागू कानूनों के अनुसार ही प्रयोग में लाया जाए। एजेंसी द्वारा फैकल्टी मेंबर्स व अन्य स्टाफ का भी चयन व निर्धारण किया जा सकता है तथा समय-समय पर उनकी मॉनिटरिंग की जा सकेगी। इसके अतिरिक्त, फैकल्टी मेंबर्स और परिचालन कर्मचारियों की नियुक्ति में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि ऐसे व्यक्ति विधिवत योग्य हैं और पर्याप्त अत्याधुनिक प्रशिक्षण का तजुर्बा रखते हैं। जाहिर है, इन प्रक्रियाओं को पूर्ण करने पर आईटीआई व पॉलिटेक्निक्स में मॉडर्न इक्विप्मेंट्स के साथ टेक्नॉलोजिकल एडवासमेंट में वृद्धि होगी। जबकि, स्किल्ड स्टाफ की पूर्ति इस बात को सुनिश्चित करेगा कि इन संस्थानों में प्रशिक्षण लेने लाने वाले प्रशिक्षुओं को उचित प्रशिक्षण प्राप्त होगा।