photo credit Twitter - ANI
photo credit Twitter - ANI

    Loading

    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: योगी सरकार (Yogi Government) अब बड़े देशों से इतर निर्यात (Exports) के लिहाज से कमजोर दुनिया के 26 देशों में अपना सामान भेजने की संभावनाएं तलाशेगी। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बनने वाले उत्पादों को अब तक निर्यात की दृष्टि से कमजोर रहे दुनिया के 26 देशों में पहुंचाने की तैयारी की जा रही हैं। योगी सरकार ने अब निर्यात के लिए यूरोप (Europe), मध्य पूर्व और अफ्रीका के 26 देशों में निर्यात को बढ़ावा देने की तैयारी कर ली है।

     इन देशों में खिलौने, वीडियो गेम्स, परिधान, चर्म उत्पाद, कारपेट, इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद, आयरन व स्टील के सामान और फर्नीचर समेत ढेरों उत्पाद निर्यात करने की मुहिम तेज की जाएगी।  इन देशों में खिलौने, वीडियो गेम्स, परिधान, चर्म उत्पाद, कारपेट, इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद, आयरन और स्टील के सामान और फर्नीचर समेत कई अन्य उत्पाद निर्यात किए जाएंगे।

    इन देशों पर होगा फोकस

    योगी सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, उत्तर प्रदेश भारत में पांचवें सबसे बड़े निर्यात क्षेत्र के रूप में अब जाना जाता है। अभी अमेरिका और यूके समेत दुनिया के दस बड़े देशों को उत्तर प्रदेश से बड़े पैमाने पर सामान निर्यात किया जाता है। अब राज्य में बने उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के क्रम में एमएसएमई विभाग के निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो ने करीब 26 और ऐसे देशों को चिन्हित किया है जहां निर्यात के लिहाज से उत्तर प्रदेश की मौजूदगी कम है। इन देशों में कनाडा, मैक्सिको, ब्राजील, बेल्जियम, डेनमार्क, इटली, मोरक्को, पोलैंड, स्वीडन, स्पेन, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, नाइजीरिया, कतर, ओमान, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, फिलीपीन्स, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, थाईलैंड और ताइवान शामिल हैं। 

    निर्यात को बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलेगा

    निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो के अधिकारियों के मुताबिक, अब इन देशों में निर्यात को बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलेगा। अधिकारियों के अनुसार अभी उत्तर प्रदेश में बने उत्पादों का सबसे अधिक निर्यात यूएसए, यूएई, नेपाल, यूके, जर्मनी, वियतनाम, नीदरलैंड, फ्रांस, चीन और इजिप्ट में होता है। इस योजना के तहत अब कनाडा, मैक्सिको, ब्राजील, बेल्जियम, डेनमार्क, इटली जैसे 26 देशों में भी निर्यात को बढ़ाने पर फोकस किया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि प्रदेश में तैयार एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के उत्पादों को उक्त देशों के लोग पसंद करेंगे।

    भारतीय दूतावास के जरिए मुहिम को किया जाएगा तेज 

    निर्यात प्रोत्साहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उक्त देशों में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इन जगहों पर व्यापारिक एजेंट तलाशे जाएंगे। इनके जरिए वहां की खरीददारों, आयातक कंपनियों तक पहुंच कर उनके बीच उत्तर प्रदेश के उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि वहां से प्रदेश  के निर्माताओं और निर्यातकों के लिए नए आर्डर मिल सकें। यही नहीं विदेशी खरीददारों को उत्तर प्रदेश में आमंत्रित कर व्यापारिक सम्मेलन आदि आयोजित किए जाएंगे। इन देशों में भारतीय दूतावास के जरिए इस मुहिम को तेज किया जाएगा। इसके साथ ही भारतीय विदेश मंत्रालय के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक संगठनों के समक्ष उत्तर प्रदेश के नए उत्पाद पेश किए जाएंगे। विदेश  मंत्रालय उत्तर प्रदेश के निर्यातकों और खास देश के खरीददारों की बैठक आयोजित करने में सहयोग करेगा। यहीं नहीं ट्रेड इवेंटस में यूपी की भागीदारी कराई जाएगी और यहां के निर्यातकों को वहां पवेलियन लगाने और अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।