Milk
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    लखनऊ: पूरे देश में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में 16 प्रतिशत का योगदान देकर यूपी (UP) पहले स्थान पर है। इस क्षमता को और बढ़ाने और दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण के लिए बजट (UP Budget 2023) में डेयरी सेक्टर (Dairy Sector) के लिए 233.16 करोड़ रुपए की धनराशि का प्रावधान किया गया है। 

    योगी सरकार के लोक कल्याण संकल्प पत्र में शामिल नंद बाबा दुग्ध मिशन के लिए बड़ा बजट जारी किया गया है, जिससे किसान दुग्ध संगठन को उनके दूध का सही मूल्य और बाहरी राज्यों से देसी नस्ल की गायों की खरीद पर अनुदान दिया जाएगा। मेरठ और वाराणसी में डेयरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है।

    दुग्ध उद्योग की इकाइयों के अनुदान और रियायतें को दिए 25 करोड़

    वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि योगी सरकार ने वर्तमान दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण और पुनर्जीवित करने की योजना के लिए 86 करोड़ 95 लाख रुपए की व्यवस्था की है। वहीं नन्द बाबा दुग्ध मिशन के लिए 61 करोड़ 21 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह मेरठ और वाराणसी में डेयरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 60 करोड़ रुपए की धनराशि दी गई। वहीं उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास और दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति 2022 के तहत प्रदेश में स्थापित होने वाले दुग्ध उद्योग की इकाईयों को वित्तीय अनुदान, रियायतें और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए 25 करोड़ रुपए की बजट की व्यवस्था की गई है। 

    छुट्टा गोवंश के रख रखाव को मिले 750 करोड़ रुपए 

    बजट में पशुपालन को भी खास तरजीह दी गई है। बुन्देलखंड में निराश्रित गोवंश की समस्या के निराकरण के लिए बुंदेलखंड के हर जिले में 5-5 गो-आश्रय केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। वहीं छुट्टा गोवंश के रख-रखाव के लिए 750 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसी तरह बड़े गौ संरक्षण केन्द्रों की स्थापना के लिए 120 करोड़ रुपए अलाट किए गए हैं। पशु रोग नियंत्रण के लिए 116 करोड़ 52 लाख रुपए की व्यवस्था की गई हैं। प्रदेश में भेड़ बाहुल्य जिलों में भेड़ पालन योजना के लिए 3 करोड़ 44 लाख रुपए दिये गये हैं। इसके साथ ही प्रदेश के निराश्रित/बेसहारा गोवंश की समस्या के निराकरण के लिए प्रदेश के सभी जिलों में 187 गो-संरक्षण केन्द्र में से 171 केन्द्रों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। मत्स्य के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत होल सेल फिश मार्केट के लिए 257 करोड़ 50 लाख रुपए की व्यवस्था की गई, जबकि मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 10 करोड़ रुपए दिये गये हैं। इसी तरह निषादराज बोट सब्सिडी योजना के तहत 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।