File Photo
File Photo

    Loading

    -सीमा कुमारी

    साल का अंतिम ‘सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर, यानी,शनिवार के दिन है। मान्यताओं के मुताबिक, अमावस्या की तिथि को सूर्यग्रहण और पूर्णिमा की तिथि को चंद्र ग्रहण पड़ता है। ज्योतिषीय और वैज्ञानिक शास्त्र के मुताबिक, ‘ग्रहण’ मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं। पहला पूर्ण सूर्यग्रहण, दूसरा आंशिक सूर्यग्रहण और तीसरा वलयाकार सूर्य ग्रहण। इस दौरान राहु-केतु का नकारात्मक प्रभाव रहता है।

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) के दौरान मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं।और खासकर, गर्भवती महिलाओं को इस समय घर में ही रहना चाहिए। आइए जानें सूर्यग्रहण का सही समय और कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण –

    सूर्यग्रहण का समय

    भारतीय मानक समय के मुताबिक, ‘सूर्यग्रहण’ सुबह 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर दोपहर में 3 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगा। जबकि ग्रहण का परमग्रास 1 मिनट 54 सेकण्ड है। इस तरह सूर्य ग्रहण की अवधि 4 घंटे 8 मिनट है।

    ‘चंद्रग्रहण’ और ‘सूर्यग्रहण’ के पूर्व के काल को सूतक कहा जाता है। सूर्यग्रहण का सूतक समय अधिक और चंद्रग्रहण का सूतक समय कम होता है। चंद्रग्रहण के दिन सूतक तीन प्रहर पहले शुरू होकर ग्रहण की समाप्ति तक रहता है। जबकि सूर्य ग्रहण के दिन सूतक चार प्रहर पहले शुरू होकर ग्रहण की समाप्ति तक रहता है। एक प्रहर 3 घंटे का होता है।

    जबकि एक दिन में 8 प्रहर होते हैं। ज्योतिषों की मानें तो भारत में न ग्रहण दिखाई देगा और न ही सूतक लगेगा। इसका अर्थ यह हुआ है कि ग्रहण के दौरान कोई पाबंदी नहीं होगी। सामान्य दिनों की तरह जीवन-यापन कर सकते हैं।

    कहां दिखाई देगा सूर्यग्रहण

    4 दिसंबर को पड़ने वाला सूर्यग्रहण अन्टार्कटिका और दक्षिण महासागर, अफ्रीका महादेश के कई देश नामिबिया, दक्षिण अफ्रीका समेत दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलियाई में भी दिखाई देगा। बात भारत की करें, तो भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा। भारत समेत एशिया महादेश में सूर्य ग्रहण नहीं पड़ रहा है।ऐसे में न ही सूतक लगेगा। इसका अर्थ यह हुआ है कि ग्रहण के दौरान कोई पाबंदी नहीं होगी। सामान्य दिनों की तरह जीवन-यापन कर सकते हैं।