हरे नारियल से बनाया देवी का मुखौटा

  • 50 साल से चली आ रही परंपरा

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नवी मुंबई. आज से नवरात्रोत्सव की शुरूआत होने वाली है. इस पर्व की शुरूआत घट स्थापना के साथ होने वाली है. जिसके लिए उरण में रहने वाली अधिकांश महिलाएं अपने घर में देवा के मुखौटा की पूजा करती है. यहां पर हरे नारियल से देवी का मुखौटा बनाने का काम पाटिल परिवार की महिलाएं विगत 50 साल से कर रही हैं. इस साल भी इन महिलाओं के द्वारा हरे नारियल से विभिन्न आकार के देवी का मुखौटा तैयार किया गया है. 

उरण तहसील के मोठे नागाव में रहने वाले दिलीप यशवंत पाटिल के घर में विगत 50 साल से हरे नारियल से देवा का मुखौटा बनाने का काम किया जाता है.पाटिल ने नवभारत को बताया कि हरे नारियल के एक ओर के कुछ हिस्से को काटने के बाद उसे रंगने का काम किया जाता है. जिसके बाद पेंटिंग के द्वारा देवी के नेत्र व अलंकार बनाकर उसे देवी के मुखौटा का स्वरूप दिया जाता है. उरण में नवरात्रोत्सव की शुरूआत के समय इसकी सबसे अधिक बिक्री होती है.

कोरोना के चलते इस साल घटी मांग

उरण में दिलीप यशवंत  पाटिल के मार्गदर्शन में दीपिका पाटिल, स्वप्ना पाटिल, गार्गी गीतेश म्हात्रे, अंगारिका म्हात्रे के द्वारा इस साल भी हरे नारियल से देवी के मुखौटा तैयार किया गया है. हर साल नवरात्रोत्सव के शुरू होने से पहले पाटिल परिवार के द्वारा 100 से 150 देवी के मुखौटे की बिक्री की जाती थी. इस साल कोरोना के संक्रमण के चलते इसकी मांग कम हो गई है.