Garbage piles up in Bhiwandi, the city's condition is deteriorating due to the contracting of munici

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    भिवंडी. पावरलूम नगरी (Powerloom City) भिवंडी (Bhiwandi) में स्वच्छता की धज्जियां उड़ रही हैं। शहर के प्रमुख क्षेत्रों सहित सड़कों के किनारे कचरे (Garbage) का भारी अंबार(Huge Pile) जमा है, बावजूद सफाई ठेकेदार नियमित कचरा नहीं उठा रहे हैं। महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) के अथक प्रयासों के बावजूद भिवंडी से गंदगी का कलंक मिटता नजर नहीं आ रहा है। शहर में चारों तरफ कचरा जमा होने से संक्रामक बीमारियों में इजाफा हो रहा है। शिकायत के बावजूद साफ-सफाई कार्यो के जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी कोई तवज्जो नहीं देते हैं। 

    गौरतलब है कि प्रतिमाह करोड़ों रुपए खर्च करके भी भिवंडी शहर में गंदगी का साम्राज्य व्याप्त है। कचरा सफाई ठेकेदार मनमानी तरीके से कचरा उठाते हैं अन्यथा कचरा मार्गों और रहवासी बस्तियों में पड़ा बजबजाता रहता है। क्षेत्रवासियों की बारंबार शिकायत का कोई असर सफाई कर्मियों और घंटागाड़ी ठेकेदारों पर नहीं पड़ता। घंटा गाड़ी ठेकेदारों द्वारा नियमित तरीके से कचरा नहीं उठाए जाने की वजह से लोग संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। अधिसंख्यक लोग संक्रामक बीमारियां उल्टी, दस्त, टायफायड बुखार, खांसी, चर्म रोग आदि की चपेट में आ रहे हैं।

    अधिसंख्यक कचरा ठेकेदार महानगरपालिका कर्मी

    जागरूक शहरवासियों का कहना है कि कचरा उठाने वाले अधिसंख्यक घंटा गाड़ी ठेकेदार महानगरपालिका सेवा में कार्यरत हैं। कई कर्मचारी महानगरपालिका सेवा की आड़ में ठेकेदारी में लिप्त हैं। महानगरपालिका अधिकारियों के भ्रष्ट रवैये की वजह से बोगस ठेकेदारों को किसी का डर नहीं है। कचरा ढुलाई ठेकेदारों को महानगरपालिका नगरसेवकों की शिकायतों का भी कोई असर नहीं होता है। महानगरपालिका सेवा में कार्यरत कर्मचारी अपनी पत्नी, भाई, रिश्तेदार के नाम पर बोगस कंपनी खोलकर अधिकारियों की मिलीभगत से वर्क आर्डर लेकर मनमर्जी काम करते हैं। जिससे शहर की साफ – सफाई व्यवस्था का सत्यानाश हो रहा है।

    महानगरपालिका सूत्रों की मानें तो महानगरपालिका आयुक्त का ड्राइवर समेत अन्य तमाम चालबाज महानगरपालिका कर्मी अधिकारियों की जेब भरकर अवैध रूप से ठेकेदार बनकर महानगरपालिका सेवा को बदनाम और शहर की बर्बादी में लिप्त है। हैरतअंगेज है कि महानगरपालिका सेवा में कार्यरत होने के बावजूद अवैध रूप से ठेकेदारी में लिप्त महानगरपालिका कर्मियों को अधिकारियों का पूर्णतया संरक्षण प्राप्त है। उक्त मुद्दा 3 वर्ष पूर्व नगरसेवकों द्वारा महासभा में भी उठाया गया था। जागरूक नागरिकों ने नवनियुक्त महानगरपालिका आयुक्त सुधाकर देशमुख से शहर की स्वच्छता हेतु महानगरपालिका सेवा में कार्यरत बोगस सफाई ठेकेदारों को चिन्हित कर कड़क अनुशासनात्मक कार्यवाई करने की मांग की है।