More than 20 thousand fish were released into the river to make the Ulhas river clean

    Loading

    उल्हासनगर. उल्हासनगर जिले (Ulhasnagar District) के लाखों लोगों की प्यास बुझाने वाली स्थानीय उल्हास नदी (Ulhas River) को स्वच्छ (Clean) बनाने और इसका पानी प्रदुषण मुक्त (Pollution Free) रहे इसके लिए अनेक एनजीओ (NGO) अपने-अपने स्तर पर काम कर रही है। इसी कड़ी के रूप में उल्हास नदी रायता ब्रिज पर निसर्ग मित्र शेखर भडसावले द्वारा कोलकात्ता (Kolkata) से मंगवाई गई विशेष ग्रास क्रीपर, सिल्वर क्रीपर जैसी नदी संरक्षण से संबंधित मछलियों (Fishes) की प्रजातियों की लगभग 20 हज़ार मछलियों को नदी में छोड़ा  गया।

    एनजीओ का दावा है कि यह मछलियां भविष्य में नदी की सफाई करेंगी उसी आशा अपेक्षा से प्रार्थना करते हुए एनजीओ से जुड़े बच्चे, युवाओं और बुजुर्गों आदि नदी प्रेमियों ने नदी के तट पर जन-जन ने अब ठाना है, उल्हास नदी बचाना है, के नारे लगाकर उल्हास नदी के प्रति अपनी आस्था दर्शाई। 

    ये लोग थे उपस्थित 

    उल्हास नदी में बढ़ते प्रदूषण और उस पर उपाय योजना पर कृषिरत्न चंद्रशेखर भडसावले, सगुणा बाग नेरल ने प्रमुख रूप से मार्गदर्शन किया। कल्याण के तहसीलदार दीपक आकड़े, उल्हास नदी बचाव कृति समिति के अश्विन भोईर, रविंद्र लिंगायत, विवेक गंभीरराव और वालधुनी बिरादरी के शशिकांत दायमा, उल्हास नदी के पास स्थित दोनों ग्राम पंचायत के सदस्य और म्हारल, वरप, कांबा के  नवनिर्वाचित सदस्य, द वॉटर फाउंडेशन के पंकज गुरव और कुमार रेड्डीयार, अश्वमेध प्रतिष्ठान के अविनाश हरड, तुषार पवार, दत्ता बोंबे आदि पर्यावरणप्रेमी उपस्थित थे।