Ambarnath Municipal Council

  • कभी भी बज सकता है चुनावी बिगुल

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अंबरनाथ. साल 2020 के मार्च-अप्रैल महीने में अंबरनाथ नगर परिषद (Ambernath Municipal Council)  के आम चुनाव होने थे, लेकिन कोरोना के कारण इसे आगे बढ़ा दिया गया था। अब कोरोना की रफ्तार धीमी पड़ चुकी है। राज्य में ग्राम पंचायत चुनाव (Gram Panchayat Election) भी शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो चुके हैं। अब अंबरनाथ नगर परिषद (Ambernath Municipal Council) के आम चुनावों की तारीखों की घोषणा कभी भी राज्य चुनाव आयोग (State election commission) कर सकता है। चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों ने एक बार फिर तैयारियां शुरू कर दी हैं।

कोरोना के कार्यकाल के शुरुआती दौर में अनेक जन प्रतिनिधियों ने अपने-अपने वार्ड में जरुरत मंदों की काफी मदद की। इसके पीछे जहां लोगों ने इंसानियत का परिचय दिया वहीं अपना राजनीतिक कद व स्वार्थ भी लोगों ने साधा था। लेकिन कोरोना को लेकर शुरू  लॉकडाउन काफी लंबा खिच गया व मदद का कार्य भी कम होता गया था। पिछले दिनों ग्राम पंचायत के चुनाव संपन्न होने व उसके बाद वोटों की गिनती हो जाने के बाद से कयास लगने लगे हैं कि मनपा व नपा के चुनाव कराए जाने हैं, इसलिए अब चुनाव आयोग राज्य सहित कुलगांव-बदलापुर व अंबरनाथ नपा के चुनावों की घोषणा कर सकता है।

बड़े पैमाने पर दलबदल के संकेत 

अंबरनाथ नगर परिषद (Ambernath Municipal Council) के चुनावों को लेकर यानि किस सीट पर कौन फिट बैठेगा इस तरह सीटों की लालच में अधिकांश लोग दलबदल करने में लग चुके हैं। दर्जनों बड़े राजनीतिक लोग अपने मन मुताबिक वार्ड के कारण पार्टी से वर्षों पुराना नाता तोड़ने पर आमादा हैं। वार्ड के आरक्षण पिछले वर्ष ही निर्धारित हो चुके हैं। कई वरिष्ठ नगरसेवकों को आरक्षण के कारण वार्ड बदलने पड़ रहे हैं। 57 वार्डों वाली नपा में कम से कम 30 बड़े उम्मीदवारों ने काम भी शुरू कर दिया है। कोई अपने खर्च से नाली तो कोई टैंकर से पानी भिजवा रहा है।

वर्तमान में शहर में हल्दी-कुमकुम का जोर है। इसके माध्यम से इच्छुक प्रत्याशी मतदाताओं से संपर्क स्थापित करने की कोशिश में हैं। ग्राम पंचायत से नगरपालिका व बाद में इस नपा को कल्याण मनपा में शामिल कर लिया गया था। लंबे संघर्ष के बाद 1994-95 के दौरान कल्याण मनपा से अंबरनाथ व बदलापुर नपा को स्वतंत्र कर दिया गया था। अंबरनाथ नपा की पुनर्रचना के बाद अप्रैल 1995 में नपा के पहली बार चुनाव हुए। 1995 से 2015 तक 5 आम चुनाव हुए। कई चुनावी गठबंधन हुए लेकिन कोई भी शिवसेना को सत्ता से बेदखल नहीं कर सका। नपा में विगत 25 सालों से शिवसेना की सत्ता है। केंद्र व राज्य में कांग्रेस की सत्ता होने के बावजूद अर्थात विषम परिस्थितियों में भी शहर के मतदाताओं ने अन्य राजनीतिक दलों की तुलना में शिवसेना को अधिक पसंद किया।

शुरुआती दौर में आनंद दिघे, पूर्व कैबिनेट मंत्री साबिर शेख एवं ठाणे जिले के पालक मंत्री एकनाथ शिंदे के मार्गदर्शन में अंबरनाथ शहर प्रमुख अरविंद वालेकर शिवसेना को आगे ही बढ़ा रहे हैं। निरंतर 25 सालों से शिवसेना के कब्जे वाली नपा पर अब भाजपा की निगाह है। भाजपा ने भी जोरदार ढंग से चुनावी समर में उतरने की रणनीति बनाई है। कांग्रेस व राकां की भी तैयारियां शुरू है। वंचित बहुजन आघाडी भी इस बार चुनावी मैदान में उतर रही है। वहीं आगामी नपा चुनाव असदुद्दीन ओवैसी की एमआईएम भी शहर में कुछ उम्मीदवार उतारने जा रही है। चुनावी तारीखों का बस अब इंतजार है। वर्तमान में राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है।