Punjabi community burns copies of Kisan Bill in Lohri

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उल्हासनगर. केंद्र सरकार (central government) द्वारा किसानों के लिए बनाए गए 3 किसान बिलों (Farmer bills) को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमा पर किसान डटे हुए हैं। पंजाबी समुदाय के अनेक लोगों ने लोहड़ी (Lohri) पर्व के उपलक्ष्य में उक्त तीनों कानून की प्रतियां दहन कर लोहड़ी पर्व मनाया। 

समाजसेवी अमर जोशी से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसान आंदोलन के समर्थन में  उल्हासनगर 1 से 5 नंबर सभी कैम्प में लोहड़ी पर्व की रात विरोध दर्शाया गया। इसमें नागरिकों के अलावा गुरूद्वारा कमेटी, संतों ने बढ़ चढ़कर अपना समर्थन जाहिर किया। सभी ने कहा कि वह किसानों का पूरा समर्थन करते हैं। जोशी के मुताबिक जो किसान हम सब की लड़ाई दिल्ली के बॉर्डर पर ठिठुरती हुई ठंड में लड़ रहे हैं। जो कानून हमें गुलामी की और ढकेल रहा है, केंद्र हमारी पीढ़ियों को गुलाम बनाने की एक सोची समझी रणनीति में है। ताकि चुनिंदा कॉरपोरेट्स हम पर राज कर सके। ऐसे कृषि कानूनों का हमने दहन किया। 

उल्हासनगर 5 में भगतसिंह चौक, तनाजी नगर स्थित श्री गुरु गोविंद सिंह गुरुद्वारा कमेटी, कैम्प 2 के खेमानी, ओटी सेक्शन स्थित श्री गुरुनानक नगर गुरुद्वारा कमेटी, कैम्प 4 में नेताजी चौक, बंगलो एरिया विनोद अपार्टमेंट के सामने, उल्हासनगर नंबर 3 में  गुरुद्वारा नानकसर यादगार बाबा मक्खन शाह लबाना, नानकसर चौक तथा सेंट्रल अस्पताल के सामने गुरुद्वारा श्री अर्जुन देव साहिबजी से जुड़े पदाधिकारियों ने किसान बिल की प्रतिया जला कर लोहड़ी के माध्यम से आंदोलन कर रहे  किसानों को अपना समर्थन दिया।