ठाणे. पिछले दो वर्षों में प्रतीक्षा की सूची में रहने वाले दिव्यांगों ने आखिरकार थक हारकर सोमवार को भारी बरसात में ठाणे महानगर पालिका मुख्यलय के सामने आंदोलन किया। इस दौरान दिव्यांगों ने कहा कि उनकी मांगों को महानगरपालिका प्रशासन दरकिनार कर रही है और उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। साथ ही जब वे अपनी मांगों को लेकर संबंधित अधिकारी से मिलते है उन्हें टालमटोल उत्तर देकर भगा दिया जाता है।
दो साल पहले बीएसयूपी प्रकल्प में करीब 192 दिव्यांगों को घर देने का आश्वासन महानगरपालिका प्रशासन द्वारा दिया गया था। जिसमें से अब तक 35 लोगों को घर का कब्जा मिल पाया है। बाकी दिव्यांगों को अब बेघर होने की नौबत आ गई है। उक्त बातें दिव्यांगों ने कहा, साथ ही यह भी कहा कि अब हमारे पास कोई चारा न होने के कारण आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा है।
बृहन्महाराष्ट्र दिव्यांग विकास कामगार संघटना संचालित अखिल भारतीय दिव्यांग सेना, विश्व दिव्यांग अत्याचार विरोधी मंच के पदाधिकारी मोहम्मद यूसुफ, मोहम्मद फारूख खान ने कहा कि महानगरपालिका प्रशासन प्रत्येक बार उन्हें कोरोना संक्रमण का हवाला देकर उनकी मांगों को दबा दे रही है। ऐसे में वैश्विक महामारी कोरोना पहले और दूसरे चरण के बाद अब संभावना जताई जा रही है कि तीसरा चरण भी आने वाला है। ऐसे में महानगरपालिका प्रशासन कोरोना का बहाना न बनाकर बल्कि दिव्यांगों को जलस-से-जल्द घरों का चाभी देने की मांग की है और इसी मांग को लेकर सोमवार को दिव्यांगों ने भरी बरसात में आंदोलन कर प्रशासन का ध्यान एक बार फिर आकर्षित करने का प्रयास किया है।