कोरोना नियंत्रण और लॉकडाउन नियोजन में उद्धव सरकार फेल

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पनवेल -नवी मुंबई का पूर्व सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने किया दौरा, इंतजामों का लिया 

नवी मुंबई. महाराष्ट्र के पुर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शनिवार को पनवेल और नवी मुंबई का दौरा किया और कोरोना इंतजाम लॉकडाउन की स्थितियों और सुविधाओं का जायजा लिया .उनके साथ पूर्व मंत्री रविन्द्र चव्हाण, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर, विधायक प्रशांत ठाकुर, महेश बालदी एवं पनवेल की महापौर कविता चौतमोल भी मौजूद थे. पूर्व सीएम ने पनवेल के मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख और एमजीएम हास्पिटल के डाक्टरों से मुलाकात की और कोरोना संक्रमण को रोकने प्रशासनिक उपायों और इंतजामों पर चर्चा की. फडणवीस ने कहा कि जिस तरह पनवेल और नवी मुंबई क्षेत्र में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है उससे मौजूदा इंतजाम कम पड़ने लगे हैं इसलिए  वेंटिलेटर और आईसोलेशन सेंटर उपलब्ध कराने के साथ ही सरकार को संवेदनशील होकर और अधिक इंतजाम करने होंगे. उन्होंने वाशी के मनपा अस्पताल का भी दौरा किया.

सिविल हॉस्पिटल को बनाएं नान कोविड हॉस्पिटल

पनवेल के बाद नवी मुंबई मनपा मुख्यालय का दौरा करने निकले पूर्व मुख्यमंत्री ने नवी मुंबई मनपा आयुक्त से मुलाकात की और कोरोना उपचार इंतजामों पर विस्तृत चर्चा की. इस दौरान विधायक गणेश नाईक, मंदा म्हात्रे, महापौर जयवंत सुतार, जिलाध्यक्ष रामचंद्र घरत समेत तमाम पदाधिकारी उपस्थित थे. मीडिया से रूबरू होते हुए देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि नवी मुंबई में एपीएमसी में सबसे अधिक कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा है इसलिए यहां थर्मल टेस्टिंग और रैंडम टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बढ़ती संख्या और इसके लिए इंतजामों में भारी अंतर है. वेंटिलेटर और आईसोलेशन सेंटर बेहद कम हैं. राज्य सरकार ने इसे पूरा करने जो तरीका अपनाया है वह ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि संक्रमण की संख्या का अनुमान लगाते हुए आगे समय के लिए बड़ी संख्या में इंतजाम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अब सिविल हॉस्पिटलों को नान कोविड हॉस्पिटल में कन्वर्ट करना जरूरी है.

गलतियां छुपाने आय़ुक्तों का तबादला

उद्धव सरकार द्वारा महानगर पालिका आयुक्तों के तबादले के सवाल पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नान परफार्मेंस हो सकती है लेकिन एक साथ सभी आयुक्तों का ट्रांसफर इस बात का संकेत देता है कि सरकार कहीं न कहीं अपनी विफलता छुपाने के लिए आयुक्तों का ट्रांसफर करना अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ना चाहती है.

सरकार, पार्टी और मंत्रियों में समन्वय का अभाव

पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार और मंत्रियों और पार्टियों में समन्वय का बड़ा अभाव बताते हुए कहा कि ठाणे आयुक्त के तबादले पर नगरविकास मंत्री शिंदे को नहीं पता था. सरकार कहती है कोरोना से निपटने के लिए सभी इंतजाम हैं, लेकिन आयुक्त बताते हैं कि वेंटिलेटर और आक्सीजन बेड पर्याप्त नहीं है. यह इस बात का संकेत है कि सरकार और प्रशासन के बीच तथा खुद सरकार के मंत्रियों के बीच समन्वय का भारी अभाव है. उन्होंने कहा कि सीएम के साथ सभी दलों को साथ खड़े रहना चाहिए लेकिन महाआघाड़ी के नेता जो कहते हैं उनके कृतृत्व में नहीं दिखता है. सच्चाई ये है कि सरकार जो निर्णय ले रही है और जो काम कर रही है उसमें सरकार की प्राथमिकता क्या है यह समझ नहीं आता है.उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव को सख्त निर्णय लेने की जरूरत है.