Huge floods in UP amid Corona crisis
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लखनऊ. कोरोना संकट के इस दौर में उत्तर प्रदेश को जबरदस्त बाढ़ का कहर भी झेलना पड़ रहा है. उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के ज्यादातर जिले बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हैं और हजारों गांवों में इसका प्रकोप है. खुद सरकार ने माना है कि पूर्वी यूपी के 16 जिले इस समय बाढ़ से प्रभावित हैं और एक हजार से ज्यादा गांवों में पानी घुस चुका है. सैकड़ों गांव तो पूरी तरह से डूब चुके हैं. लगातार बारिश के बीच नेपाल के बांधों से पानी छोड़े जाने के चलते सरयू-घाघरा, राप्ती और शारदा जैसी नदियां उफनायी हुयी हैं.

राहत आयुक्त कार्यालय के अनुसार प्रदेश में अब तक 16 जनपद- अंबेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, गोंडा, गोरखपुर, खीरी, कुशीनगर, मऊ , संतकबीर नगर और सीतापुर के 642 गांव बाढ़ प्रभावित हैं. इनमें से 362 गांव जलमग्न हैं. सबसे ज्यादा कहर सरयू, घाघरा के बढ़े जलस्तर के चलते नजर आ रहा है जिसने कई गांवों को प्रभावित किया है.

 एल्गिन ब्रिज पर घाघरा खतरे के निशान से एक मीटर उपर बह रही है तो बलरामपुर में राप्ती भी खतरे से उपर पहुच गयी है. ज्यादातर तराई क्षेत्रों में नदियों का पानी खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है. बाराबंकी के कई गांव, बहराइच-महसी तहसील के जुगलपुरवा, जरमापुर, जमई गांव और बलरामपुर जिले के जद्दापुर, खैरहानिया आदि बाढ़ के पानी से घिर गए हैं.

बहराइच के महसी तहसील में एक दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं. ज्यादातर गांवों के संपर्क मार्ग बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं. लोगों को पानी के अंदर से होकर आना पड़ रहा है. लोग गांवों से ऊंचे स्थानों में रह रहे हैं. वहीं, श्रावस्ती में हल्की बारिश के बावजूद राप्ती का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. उधर, शारदा नदी की तेज लहरों ने ढकिया सूरजपुर के पास कई तटबंध को कई जगह पर काट दिया है. तटबंध की मरम्मत के लिए सिंचाई विभाग तेजी से कार्य कर रहा है.

राहत आयुक्त कार्यालय ने बताया कि इस समय शारदा नदी पलियाकलां में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं, बाराबंकी में सरयू और घाघरा अपने जलस्तर 106. 070 मीटर से 0.556 मीटर ऊपर बह रही है. अयोध्या में सरयू 92.730 मीटर जलस्तर से 0.80 मीटर ऊपर और तुर्तीपार 64.01 मीटर जलस्तर से 0.180 मीटर ऊपर बह रही है. बाढ़ के हालात को देखते हुए प्रदेश में बचाव के लिए 303 कैंप बनाए गए हैं जहां लोगों को रखा गया है. अब तक 61892 खाने के पैकेट बांटे गए हैं. प्रभावित इलाकों में 627 नावें चलाई जा रही हैं और 735 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं. राहत आयुक्त संजय गोयल ने बताया कि बाढ़ प्रभावित जनपदों में सर्च और रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की 15 टीमें लगाई गई हैं. 

बाढ़ के चलते कई जिलों में हजारों एकड़ धान की फसल डूब का पूरी तरह से बरबाद हो गयी है. मूसलाधार बारिश का असर मौसमी सब्जियों पर भी पड़ा है तो मेंथा की फसल भी खराब हुयी है. बाढ़ के पानी के कारण खेत डूब गए हैं.

-राजेश मिश्र