झुंझुनूं, राजस्थान के शिल्पकार गढ़ेंगे अयोध्या में राम की मूर्ति

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-राजेश मिश्र

लखनऊ: अयोध्या में सरयू नदी के तट पर भगवान श्री राम की 825 फुट ऊँची प्रतिमा तथा राम मंदिर में भगवान राम की जो मूर्ति लगाई जायेगी उसका निर्माण कार्य भी राजस्थान के पिलानी के युवा मूर्तिकार नरेश वर्मा को दिया गया है. नरेश वर्मा के अनुसार अयोध्या में सरयू नदी के तट पर बनने वाले श्रीराम मंदिर में पूरा राम दरबार बनाया जाएगा तथा म्यूजियम में भगवान राम के जन्म से लेकर अंत तक की पूरी रामायण के पात्रों की प्रतिमा बनाकर दर्शनार्थ उपलब्ध करवाया जाएगा.

मूर्ति कला में महारत हासिल कर पूरे विश्व में अपनी कला का प्रदर्शन करने वाले झुंझुनू जिले के पिलानी कस्बे के मूर्तिकार मातुराम वर्मा व उनके पुत्र नरेश  कुमार वर्मा की वजह से अयोध्या में सरयू नदी के तट पर बनने वाली भगवान् राम की प्रतिमा के निर्माण में झुंझुनू भी अपनी अमिट पहचान कायम करने जा रहा है. नरेश वर्मा राष्ट्रपति के हाथों  राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित भी हो चुके हैं. गत दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उनको सम्मानित किया था.

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मूर्तिकला को पहचान दिलाने वाले पिलानी में जन्मे नरेश वर्मा व उनके गृह जिले झुंझुनूं के लिए यह किसी गौरव और सम्मान से कम नहीं होगा कि अयोध्या में सरयू नदी के तट पर बनाने वाली भगवान् श्रीराम की मूर्ती जो विश्व की सबसे बड़ी मूर्ती होगी वह नरेश वर्मा द्वारा डिजाइन तथा उनके हांथों से बनने वाली है. पांच अगस्त को देश के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के हांथों जिस राम मंदिर निर्माण का शिलन्यास किया गया है उसमें भगवान राम की जो मूर्ति लगाई जानी है उसका निर्माण कार्य भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इसी पिलानी के युवा मूर्तिकार नरेश वर्मा को दिया गया है.

विश्व में मूर्तिकला में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके पिता मातुराम और पुत्र नरेश द्वारा निर्मित मूर्तियाँ आज गगन चूम रही है. युवा मूर्तिकार नरेश वर्मा को विश्व की सबसे ऊँची मूर्ती बनाने का काम मिला है. वो अयोध्या में सरयू नदी के किनारे भगवान् श्रीराम की 825 फीट ऊँची अष्टधातु  प्रतिमा का निर्माण करेंगे. जो विश्व की सबसे ऊँची मूर्ती होगी. इस मूर्ती में म्यूजियम, लिफ्ट, होटल आदि सब कुछ होंगे.

मातुराम वर्मा का मानना है कि मूर्तिकला शौक नहीं है. मूर्तिकला ब्यवसाय भी नहीं है. यह तो एक साधना और तपस्या है. मातुराम वर्मा ने मूर्तिकला में पिलानी ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जगह जगह मूर्तियाँ बनाकर नए आयाम स्थापित किये थे. उन्होंने सर्वप्रथम दिल्ली के बिडला कानन में 108 फीट ऊँची शिव प्रतिमा का निर्माण करके पूरे विश्व में मूर्ती कला में महारत हासिल की थी तथा अपने नाम का डंका बजाया था.

इसके बाद मारिशस, नेपाल ,भूटान श्रीलंका अमेरिका ब्राजील सहित अनेक देशों में मूर्तियों का निर्माण कर ख्याति अर्जित की. अब उनके सुपुत्र नरेश वर्मा ने भी जिले का नाम रोशन करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है. उन्होंने भी गुजरात में सरदार पटेल की अद्भुत प्रतिमा को बनाने में अपना योगदान देकर देश के प्रधानमन्त्री का मन जीत लिया है.