The name of the mosque in Ayodhya may be in the name of freedom fighter Maulvi Ahmadullah Shah

Loading

अयोध्या. बाबरी मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अयोध्या (Ayodhya) में बनाई जाने वाली प्रस्तावित मस्जिद का नाम अंग्रेजों के खिलाफ 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले मौलवी अहमदुल्ला शाह (Maulvi Ahmadullah Shah) के नाम पर हो सकता है। मस्जिद निर्माण की देखरेख के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा गठित न्यास इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (Nyas Indo Islamic Cultural Foundation) के सचिव अतहर हुसैन ने कहा कि अवध क्षेत्र में ‘विद्रोह का बिगुल फूंकने वाले” शाह के नाम पर मस्जिद का नाम रखने के बारे में गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

न्यास का गठन होने के बाद इस बारे में चर्चा चली थी कि मस्जिद का नाम मुगल शासक बाबर के नाम पर रखा जाएगा जैसा कि बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) का रखा गया था या फिर किसी और नाम पर विचार किया जाएगा। न्यास के सूत्रों के मुताबिक अयोध्या में बनने वाली मस्जिद की परियोजना को सांप्रदायिक भाईचारे तथा देशभक्ति के संकेत के रूप में प्रस्तुत करने के लिए न्यास ने इस परियोजना को शाह के प्रति समर्पित करने का फैसला लिया है, जो इन मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने के साथ-साथ इस्लाम के सच्चे अनुयायी भी थे।

हुसैन ने कहा, ‘‘न्यास अयोध्या मस्जिद परियोजना को महान स्वतंत्रता सेनानी मौलवी अहमदुल्ला शाह (Maulvi Ahmadullah Shah) को समर्पित करने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इस संबंध में हमें विभिन्न मंचों से सुझाव मिले हैं। यह एक अच्छा सुझाव हैं। विचार-विमर्श के बाद इस बारे में आधिकारिक घोषण करेंगे।” शाह, पांच जून 1858 को शहीद हो गए थे।

जॉर्ज ब्रुस मालेसन (George Bruce Malleson) तथा थॉमस सियटन (Thomas Seaton) जैसे अंग्रेज अधिकारियों ने उनके साहस, शौर्य तथा उनकी संगठनात्मक क्षमताओं का जिक्र किया है। भारत के 1857 के संग्राम पर आधारित किताब ‘हिस्ट्री ऑफ इंडियन म्यूटिनी’ में मालेसन ने शाह का कई बार जिक्र किया है। शाह ने अवध क्षेत्र में विद्रोह छेड़ा था तथा फैजाबाद के चौक इलाके में स्थानीय मस्जिद ‘मस्जिद सराय’ को मुख्यालय बनाया था जहां वह क्रांतिकारी नेताओं के साथ बैठकें करते थे।(एजेंसी)