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    नई दिल्ली: अंतिम संस्कार हर किसी के लिए बेहद दुख की घड़ी होती है, जब कोई अपना चले जाता है तब उसे अंतिम विदाई देने के लिए हम अंतिम संस्कार की विधि करते है। लेकिन कभी क्या आप सोच सकते है, की किसी जिंदा शख्स के  अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही हो और दूसरा कोई नहीं बल्कि उसके परिवार वाले ही उसके अंतिम संस्कार के बारे में चर्चा कर रहा हो और उसकी तैयारियां कर रहा हो? जी नहीं न? लेकिन एक ऐसा ही मामला इन दिनों चीन से सामने आया है, जिसके बारे में जानकर आपकी आंखें नम हो जाएगी। आइए जानते है क्या है पूरा माजरा… 

    जिंदा शख्स, अंतिम संस्कार की तैयारी 

    दरअसल सामने एक बुजुर्ग बैठे थे और उनका पूरा परिवार उनके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा था। जीवित व्यक्ति के अंतिम संस्कार की तैयारी करना बहुत ही अमानवीय है। वे परिवार वाले बुजुर्ग व्यक्ति के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे हैं। जी हां हैरानी की बात तो यह है कि वह व्यक्ति भी वहीं बैठा है। मिली जानकारी के मुताबिक, यह मामला चीन के अनहुई प्रांत का है। इस वीडियो को बुजुर्ग के पोते ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। 

    अंतिम संस्कार को लेकर परिवार में चर्चा 

    उन्होंने कहा कि उनके दादाजी को पिछले साल लिम्फोमा कैंसर का पता चला था और कीमोथेरेपी के दो दौर के बाद उनकी हालत स्थिर है। इसके बावजूद पूरा परिवार उनके अंतिम संस्कार की तैयारी में जुट गया। वे इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि कब्रिस्तान के लिए कौन सी जगह चुनी जाए। आपको जानकर हैरानी होगी कि दादाजी उसी कमरे में बैठे थे जब उनकी पत्नी और दो बच्चे इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि मरने के बाद उनके शव का क्या किया जाए।

    कैंसर ग्रस्त है बुजुर्ग 

    यह बुजुर्ग शख्स गर्दन झुकाए बैठे थे और उनके हाथ में एक टिश्यू पेपर था। वीडियो शेयर करने वाले रिश्तेदार का कहना है कि दादा ठीक से सुन नहीं सकते। इस चर्चा के दौरान उन्होंने ईयरफोन नहीं लगाया हुआ था। पोती कहती है कि उसे खुशी है कि उसके दादाजी ने शायद बातचीत नहीं सुनी। साथ ही उम्मीद करते हैं कि वह जल्द ही कैंसर से उबर जाएंगे।

    दिल दहला देने वाली घटना 

    बता दें कि दिल दहला देने वाले इस सोशल मीडिया पर इस कहानी ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। वीडियो देखने के बाद कई लोगों के होश उड़ गए हैं। इस पर कई लोगों ने अपनी राय भी रखी है। इस खबर को पढ़कर आँखों में आंसू आना जायज है, क्योंकि एक जिंदा शख्स के अंतिम संस्कार की तैयारियां करना अकल्पनीय है।