- सावंगी अस्पताल हुई शल्यक्रिया
- मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित
वर्धा. बच्चे का जन्म होते ही पति की मौत होने से परिजनों ने महिला के पेट में एक एक कर करीब सुईयां चुभाई. उसे मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू किया. तकलीफ बढ़ने से महिला मायके लौटी. अचानक पेट का दर्द बढ़ने से महिला को सावंगी के अस्पताल में दाखिल किया गया. वहां उस पर शल्यक्रिया कर सुईंयां निकाली गई. करीब दस माह तक 32 वर्षीय महिला दर्द सहती रही.
नागपुर निवासी 32 वर्षीय लक्ष्मी (बदला हुआ नाम) के पेट में तकलीफ बढ़ने से उसे सावंगी के अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया. मरीज का सीटी स्कैन के करने पर पेट में अलग-अलग जगह पर धातू की तीन सुईंयां दिखाई दी. यह सुईयां पेट में कैसे गई? इसकी पूछताछ करने पर यह गंभीर मामला सामने आया. दस माह पूर्व लक्ष्मी ने एक बच्चे को जन्म दिया. बच्चे के जन्मवाले दिन ही उसके पिता की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई.
बच्चे के कारण मौत होने की अंधश्रद्धा को मन में पालते हुए परिजनों ने लक्ष्मी को प्रताड़ित करना आरंभ किया. प्रतिदिन की प्रताड़ना के चलते उसने ससुराल छोड़ मायके का रास्ता अपनाया. मायके में उसकी पेट की तकलीफ बढ़ने से पेट में संसर्ग बढ़ा, जिससे उसने खाना पीना छोड़ दिया. उसकी तकलीफ देख उसके परिजन उसे लेकर सावंगी अस्पताल पहुंचे.
अस्पताल में जांच के दौरान पेट में जबरन इंजेक्शन की निडल्स घुसाने की बात सामने आयी. नर्स के रूप कार्यरत ससुराल की एक महिला ने यह कारनामा करने की जानकारी सामने आयी. शल्य चिकित्सक डा. मीनाक्षी येवला के मार्गदर्शन में जांच उपचार शुरू किया गया. अद्यावत उपकरण की सहायता से सुईं की स्थिति दिख रही थी. किंतु एक सुईं पर मांस चढ़ने से शल्यक्रिया में बाधा निर्माण हुई. करीब चार घंटे तक चली शल्यक्रिया के बाद तीनों सुईंयां निकाली गई.
डा. मीनाक्षी येवला के साथ डा. पंकज घरडे, डा. कुशाग्र सिंग, डा. सुशांत नायक, डा. प्रतिक्षित रघुवंशी, डा. हर्षल तायडे, डा.आदित्य पटेल, डा. नितेश बडवाईक, डा. सैनिका स मदासू, डा. चेतना राठी, इंटरवेंशनल रेडिलाजिस्ट डा. पंकज बनोदे, डा. अमोल सिंघम, डा. देवव्रत वैष्णव, डा.आयुष पाल भन्साल, डा. सुझाना वर्गीस, डा. इश ना रशीद, डा.ऐश्वर्या नाईक ने शल्यक्रिया सफल की.