Wardha Krida Sankul

  • पालकमंत्री करें पहल, गणतंत्र दिन पर जागी उम्मीद

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वर्धा. जिले के पालकमंत्री सुनील केदार के पास खेल मंत्रालय का जिम्मा होने के कारण जिले के क्रीड़ा क्षेत्र के विकास की उम्मीद जागी है. पालकमंत्री ने इस दिशा में प्रयास किया तो जिले के क्रीड़ा क्षेत्र का विकास होकर गांधी-विनोबा की भूमि से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार कर सकते है.

गणतंत्र दिवस पर पालकमंत्री से क्रीड़ा क्षेत्र के विकास के लिए घोषणओं की उम्मीद है़ बीते पांच वर्ष में जिले के विकास ने रफ्तार पकड़ी है. गांधी की भूमि विकास से कोसों दूर थी. मात्र तत्कालीन केंद्र व राज्य सरकार ने जिले के विकास के लिए निधि उपलब्ध कराने के कारण जिले में कई विकास कार्य हुए.

भाजपा सरकार के कार्यकाल में पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार थे. उनके पास राज्य की तिजोरी होने के कारण उसका लाभ जिले को मिला है. सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान मुनगंटीवार ने कई बार जिले के विकास के लिए तिजोरी खोलने की बात कहकर विकास के लिए करोड़ों की निधि दी थी. उसी तर्ज पर केदार ने भी अपने मंत्रालय स्तर पर विकास के लिए योजानाएं लाना आवश्यक है. पालकमंत्री बनने के उपरांत केदार का निरंतर संपर्क जिले से रहा है, जिससे जिले की समस्यायों से वे रूबरू है.

अनेक प्रोजेक्ट को पूरा होने इंतजार

केदार के पास क्रीड़ा मंत्रालय होने के कारण उन्होंने क्रीड़ा क्षेत्र के विकास के लिए जिले के लिए बड़ी योजनाएं तथा निधि उपलब्ध कराना चाहिए. वर्धा में तहसील क्रीड़ा संकुल के लिए मंजूरी प्रदान हुई है. सिंदी ग्रापं क्षेत्र में जगह भी उपलब्ध कराई गई है. अब केवल क्रीड़ा संकुल के निर्माण हेतु निधि की आवश्यकता है. समय पर निधि प्राप्त हुआ तो शहर में जिला क्रीड़ा संकुल के साथ तहसील संकुल की सुविधा हो सकती है. 

खेल मंत्रालय से पर्याप्त निधि की जरूरत 

तहसीलस्तर अनेक क्रीड़ा संकुलों की हालत पतली है. सुविधा नहीं होने के कारण उसका उपयोग नहीं के बराबर होता है. कुछ जगह जिम की सुविधा है, लेकिन वहां सामग्री नहीं है. क्रीड़ा संकुल परिसर में साफसफाई वर्षों से नहीं की गई है. इससे वहां झाड़ियां निर्माण होने से मैदान ही गायब हुआ है.  ऐसी अनेक समस्यायों से क्रीड़ा क्षेत्र घिर गया है. निधि की कमी होने के कारण सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जाने की बात क्रीड़ा विभाग ने कही है. पालकमंत्री केदार ने इस ओर ध्यान देकर पर्याप्त निधि देने की आवश्यकता है.